आगामी मानसून सीजन 2018 की तैयारियों के लेकर आज यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन) श्रीमती मनीषा नन्दा की अध्यक्षता में आज यहां वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी, केन्द्रीय जल आयोग विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभी जिला उपायुक्त भी जिला स्तरीय अधिकारियों सहित इस बैठक में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए। यह बैठक मानसून सीजन के लिए सभी सम्बद्ध तैयार रहने तथा जान-माल की क्षति से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने सम्बन्धी निर्देश देने के लिए आयोजित की गई।
मनीषा नन्दा ने लोक निर्माण विभाग, नगर निगमों/ परिषदों तथा पंचायती राज संस्थानों को पानी के स्त्रोतों को साफ रखने तथा जल-निकासी व्यवस्था को सुचारू बनाने पर चर्चा के निर्देश दिए। मौसम सम्बन्धी सलाह तथा चेतावनी देने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया। इस तरह की जानकारी समय-समय पर लोगों की पहुंचाई जानी चाहिए ताकि जान-माल की क्षति को न्यूतम किया जा सके। इसके अलावा केन्द्रीय जल आयोग की ओर से जारी की जाने वाली चेतावनी का भी नियमित रूप से अनुसरण किया जाए और लोगों को मीडिया के माध्यम से अवगत करवाया जाएग।
उन्होंने उपायुक्तों को आदेश दिए कि भूस्खलन वाले क्षेत्रों, खतरनाक सड़कों को चिन्हित किया जाए और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सड़कों को शीघ्र साफ करने के लिए उचित प्रबन्ध किए जाएं। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति के लिए आवश्यक वस्तुओं का प्रर्याप्त भण्डारण किया जाए। उपायुक्तों को आईटीबीपी की स्थानीय ईकाइयों के साथ निरतंर सम्पर्क में रहने व समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए और आपात स्थिति के लिए स्वयंसेवियों का दल चिन्हित करने के लिए भी कहा गया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर तक संचार के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया। विशेष तौर पर आईपीएच विभाग को निर्देश दिए गए कि लोगों को ऐसी स्थिति में साफ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाए ताकि जल जनित रोगों से बचाव हो सके।