‘नशा एक सामाजिक बुराई है, जिसे लोगों की भागीदारी के साथ रोका जाना चाहिए, क्योंकि ‘देवभूमि’ हिमाचल में इसका कोई स्थान नहीं है’ मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने यह आज रिज मैदान पर अन्तर्राष्ट्रीय नशाखोरी और अवैध तस्करी के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित 8वीं हिमाचल प्रदेश पुलिस हॉफ मैराथन 2018 को सम्बोधित करते हुए कहा।
मुख्यमंत्री ने समारोह आयोजित करने के लिए राज्य पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समाज से नशीली दवाओं के खतरें को पूरी तरह से समाप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में लगभग 27 प्रतिशत युवा नशीली दवाओं के दुरूपयोग में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास और लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को नशामुक्त बनाने के लिए सामूहिक कदम उठाना महत्वपूर्ण है।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि नशा व्यापार से मुनाफा कमा रहे लोगों के खिलाफ कड़ी सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा यह कड़ा सन्देश दिया जाना चाहिए कि दवा मुनाफा एक गम्भीर अपराध है जिसे दण्डित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि किशोरावस्था के वर्ष जोखिमपूर्ण वर्ष होते है इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में विशेष जागरूकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा (नशीली दवाओं का दुरूपयोग) और नाश (विनाश) के बीच मामूली अन्तर है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने किशोर बच्चों पर सर्तकता रखनी चाहिए ताकि उन्हें इस सामाजिक बुराई से दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि एक सशक्त दिमाग के द्वारा ही मजबूत शरीर का निर्माण किया जा सकता है तथा नशामुक्त शरीर ही स्वस्थ हो सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के पुरस्कार वितरित किए।
हॉफ मैराथन पुरूष में श्री हेत राम व हॉफ मैराथन महिला में सुश्री रितु को विजेता घोषित किया गया। इसी प्रकार, मिनी मैराथन पुरूष और मिनी मैराथन महिला के विजेता क्रमशः श्री विजय कुमार और सुश्री अमनदीप कौर रहीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चित्रकला प्रदर्शनी का भी उदघाटन किया और इसमें गहरी रूची दिखाई। लोरेटो कॉन्वेंट ताराहॉल की छात्रा कुमारी विसूधा सूद ने चित्रकला प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया।
पुलिस महानिदेशक श्री सीता राम मर्डी मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरूपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि समाज की समग्र भलाई के लिए शारीरिक स्वस्थ्ता होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस प्रदेश को नशीली दवाओं के दुरूपयोग से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में 230 किलोग्राम चरस चोरों तथा नशीली दवाओं के व्यापारियों से बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि दवाओं के दुष्प्रभाव के बारे में राज्य पुलिस ने 6 लाख से अधिक लोगों को संवेदनशील बनाया है।
इस अवसर पर पुलिस कर्मियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और नशीली दवाओं के दुरूपयोग पर लघु नाटिका प्रस्तुत की।महानिदेशक नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली श्री अभय, उपायुक्त शिमला श्री अमित कश्यप, पूर्व डीजीपी श्री रती राम वर्मा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।