मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां रिज मैदान में पुलिस विभाग द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नशीली दवाओं के दुरूपयोग के विरूद्ध जागरूकता रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने मालरोड़ शिमला पर पुलिस नियंत्रण कक्ष में स्थापित एलईडी स्क्रीन का भी शुभारम्भ किया। जागरूकता रैली में शिमला शहर के 29 स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं, आईटीआई और नर्सिंग कॉलेजों के 2000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं के दुरूपयोग के विरूद्ध छात्रों तथा अन्य प्रतिभागियों को शपथ भी दिलाई।
समारोह के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच नशीली दवाओं का दुरूपयोग विश्व स्तर पर चिन्ता का कारण है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए सरकार, गैर सरकारी संगठनों, अभिभावकों और अन्य लोगों द्वारा सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग नशीली दवाओं के दुरूपयोग के विरूद्ध छात्रों और लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा नशे का अवैध कारोबार करने वालों के विरूद्ध अभियान को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए एक विशेष टास्क फोरस गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया से निपटने के लिए शिमला, कांगड़ा और कुल्लू में तीन राज्य नार्कोटिक अपराध नियंत्रण इकाईयां स्थापित की गई हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग के खतरे के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 1023 नशा मुक्ति अभियान वर्ष 2018 में चलाए गए हैं। उन्होंने गैर सरकारी संस्थाओं, महिला मण्डलों और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से भी समाज से इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह बी.के. अग्रवाल, नगर निगम शिमला के उप महापौर राकेश शर्मा, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी, एडीजीपी सीआईडी अशोक तिवारी, आईजी हिमाशु मिश्रा, डीआईजी आसिफ जलाल, पूर्व डीजीपी आर.आर. वर्मा, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।