अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर उभारा जाएगा हिमाचल प्रदेशः मुख्यमंत्री

पर्यटन, जैविक कृषि, स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबन्धन के क्षेत्रों में सिक्किम सरकार द्वारा की गई पहल का अध्ययन करने 11 से 15 जून, 2018 तक सिक्किम गए विधायकों व अधिकारियों के दल ने आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मिलकर अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपी।

इस दल में विधायक राकेश पठानिया, राकेश जमवाल, रविन्द्र कुमार, आशीष बुटेल, विक्रमादित्य सिंह और होशियार सिंह सहित निदेशक ग्रामीण विकास राकेश कंवर, चीफ इंजीनियर अशोक चौहान, लोक निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुकार एनके नेगी और उप निदेशक पर्यटन पंकज शर्मा शामिल थे।

दल के सदस्यों ने पावर प्वाईंट प्रस्तुति के माध्यम से पर्यटन, जैविक कृषि और स्वच्छता की दिशा में सिक्किम सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को सिक्किम की पर्यटन आर्थिकी के बारे में जानकारी दी और यह भी बताया कि सिक्किम देश का पहला राज्य है जिसे ‘जैविक राज्य’ घोषित किया गया है। सिक्किम सरकार ग्रामीण, पर्यावरण मित्र और धार्मिक पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा दे रही है।

सदस्यों ने सुझाव दिया कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास की दिशा में सिक्किम से सीखे ले सकता है और लोगों की सहभागिता के साथ पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान के साथ पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम दिए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक, साहसिक और इको-पर्यटन को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष लगभग दो करोड़ पर्यटक हिमाचल भ्रमण पर आते हैं और सरकार का प्रयास रहेगा कि उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन के लिए खोलने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टैक्सी चालकों और संचालकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी ताकि वे राज्य के पर्यटन राजदूत के रूप में कार्य कर सकें। राज्य में विभिन्न पर्यटक सर्किटों को भी विकसित किया जाएगा और आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ-साथ पर्यटक स्थलों के लिए हेली-टैक्सी सेवाएं शुरू करने को प्राथमिकता दी जाएगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर को प्रमुखता के साथ पर्यटक गंतव्य के रूप में उभारने के प्रयास किए जाएंगे। पर्यटकों को बर्फ से ढके स्थलों जैसे चांसल, साच पास, जलोड़ी पास, श्रीखंड और धौलाधार को और बेहतर तरीके से विकसित किया जाएगा ताकि यहां पर्यटकों की आमद बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि सड़क सम्पर्क में सुधार के साथ-साथ सरकार निजी क्षेत्र की सहायता से रज्जू मार्गों के निर्माण को प्राथमिकता देगी।

ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मनीषा नन्दा व राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव आर.डी. धीमान व ओंकार शर्मा, सचिव भाषा कला एवं संस्कृति डॉ. पूर्णिम चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

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