मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पौधारोपण को जन-आन्दोलन बनाने के लिए लोगों का आह्वान किया ताकि प्रदेश के वन क्षेत्र में वृद्धि हो। मुख्यमंत्री जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ क्षेत्र के चुरवाधार में 69वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों की सक्रिय सहभागिता के साथ 596 चयनित स्थानों पर 15 लाख पौधे रापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश का 67 प्रतिशत क्षेत्र में वन आवरण हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकि है। प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ को ‘गोत्र पेड़’ के रूप में गोद लें तथा इसके संरक्षण व सुरक्षा में सहायता करे। इससे लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षित करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में सहायता प्रदान करने के लिए विद्यार्थियों का आह्वान किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पौधारोपण अभियान को केवल एक औपचारिक अवसर के रूप में नही मनाया जाना चाहिए, बल्कि रोपित किए गए पौधों को पेड़ के रूप में विकसित करने को सुनिश्चित बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए ताकि प्रदेश में पेड़ों की संख्या में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि हिमालय पूरे भारतीय उप महाद्वीप के फेंफड़े है। इसलिए वनों में वृद्धि व संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देवदार व औषधीय पौधें का रोपण किया। उन्होंने जिला सोलन के नौणी में डॉ. वाई.एस.परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में भी पौधा रोपित किया। उन्होंने इस अवसर पर पौधारोपण पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
वन एवं परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का हरित व स्वच्छ प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए पौधारोपण अभियान को व्यापक तौर पर चलाया जाना चाहिए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. जी.एस. गोराया, अन्य गणमान्यों सहित उपस्थित थे।