केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी हर सम्भव सहायताः मुख्यमंत्री

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 प्रदेश सरकार कांगड़ा जिला के धर्मशाला तथा देहरा में स्थापित की जा रहे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कार्य में तेजी लाने के लिए हर सम्भव सहायता उपलब्ध करवाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश में कार्यान्वित किए जा रही केन्द्रीय परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 303-37-74 हैक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है जिसमें से 278-43-79 हैक्टेयर वन भूमि है और 24-93-95 हैक्टेयर सरकारी भूमि है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर के पक्ष में वन भूमि को हस्तांतरित करने का मामला वन स्वीकृति के लिए भारत सरकार को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भारत सरकार के साथ इस मामले को उठाएंगे ताकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर को स्थापित करने के लिए 81.79 हैक्टेयर वन भूमि बदलने के लिए सैद्धान्तिक रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि देहरा में विश्वविद्यालय का दक्षिण परिसर स्थापित करने के लिए पहले ही 34 हैक्टेयर गैर वन भूमि हस्तांतरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) धर्मशाला के नए भवन को केन्द्रीय विश्वविद्यालय को अस्थाई आधार पर उपलब्ध करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि देहरा की 81.79 हैक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरित करने के लिए भारत सरकार को प्रतिपूर्ति वन रोपण क्षतिपूर्ति, एनपीवी, वृक्षों की लागत व विभागीय शुल्कों के रूप में 17.28 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि वन स्वीकृति में तेजी लाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए एम्स भी स्वीकृत किया है, जो बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 681 बीघा जमीन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है और अन्य सम्बन्धित मामलों को शीघ्र अन्तिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए 112 बीघा अतिरिक्त भूमि की मांग की हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इस मामले को अन्तिम रूप देने के लिए तत्काल आवश्यक पग उठाने के निर्देश दिए ताकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शीघ्र स्थातिप किया जा सके।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, मुख्य अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण कपूर, सचिव शिक्षा डॉ. अरूण शर्मा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, योजना सलाहकार बासू सूद, विशेष सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डी.सी. राणा के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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