( धनेश गौतम ) आपदा प्रबंधन की एक बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है। पार्वती परियोजना ने 40 हजार पानी अचानक छोड़ दिया जिस कारण सैंज से लेकर मंडी तक हड़कंप मच गया। गनीमत यह रही कि लारजी परियोजना व पंडोह डैम प्रबंधन ने तुरंत एक्शन लिया अन्यथा दोनों डैम भी वह जाते और पूरी तरह से तबाही मच जाती।
उधर मंडी प्रशाशन ने पता चलते ही हाई अलर्ट जारी किया और बहुत बड़े हादसे को टालने में कामयावी हासिल की। 512 मैगावाट क्षमता की पार्वती जलविद्युत परियोजना से अचानक पानी छोडऩे का मामला सामने आया है, जिससे 126 मैगावाट क्षमता की लारजी जलविद्युत परियोजना प्रबंधन को आनन-फानन में डैम से पानी आगे छोड़ना पड़ा। बताया जा रहा है कि पार्वती जलविद्युत परियोजना सैंज से भारी मात्रा में बिना कोई पूर्व सूचना के पानी छोड़ा गया, जिससे लारजी जलविद्युत परियोजना के डैम में पानी ज्यादा बढ़ गया और उन्होंने इस बारे मंडी जिला प्रशासन को सुबह पौने 8 बजे सूचित किया कि हम आगे पानी छोड़ रहे हैं।
प्रशासन ने पार्वती जलविद्युत परियोजना को दिए सख्त निर्देश यह सुनकर प्रशासन सकते में आ गया कि इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई तो ऐसे में कैसे पानी अचानक आगे छोड़ दिया जाए। लिहाजा आनन-फानन में मंडी जिला प्रशासन ने भी पानी आगे छोडऩे बारे बीबीएमबी और लारजी प्रबंधन को अनुमति दे दी और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नदी के समीप न जाने की अपील की। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में मंडी जिला प्रशासन ने पार्वती जलविद्युत परियोजना को सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसा न करें और पहले ही सूचना जिला प्रशासन को दें ताकि एहतियातन कदम उठाए जाएं।
थलौट हादसे के बाद बता दें कि हाईकोर्ट ने थलौट हादसे के बाद जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार को हिदायत दी है कि घटना की पुनरावृत्ति न हो, लिहाजा पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। इधर, इस संबंध में एडीएम मंडी राजीव कुमार ने कहा कि हमें पानी छोडऩे की सूचना पार्वती जलविद्युत परियोजना से नहीं आई। हमें केवल लारजी जलविद्युत परियोजना डैम प्रबंधन ने सुबह पौने 8 बजे सूचित किया और उस आधार पर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नदी से दूर रहने के लिए कहा गया। उधर डीसी मंडी ऋग्वेद ने एनएचपीसी व कुल्लू प्रशाशन से स्वाल उठाएं हैं।