पंचायती राज विभाग में गठित होगी तकनीकी शाखा ,स्तरीय तकनीकी डिजाइन एवं गुणवत्ता नियंत्रण संस्थान की होगी स्थापना

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सिरमौर ज़िला के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के ग्राम पंचायत प्रधानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से आग्रह किया कि विभाग की तकनीकी शाखा बनाते समय इस बात को ध्यान में रखा जाए कि छोटे-छोटे कार्यों का निष्पादन पंचायत स्तर पर ही हो और टेंडर केवल बड़े कार्यों के लिए लगवाए जाएं। प्रधानों ने यह मांग भी की कि प्रत्येक पंचायत में तकनीकी सहायक की नियुक्ति की जाए और सीमेंट की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जाए।
वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि विभाग ने पहली बार तकनीकी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए ऊना में एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान निर्णय लिया गया कि विभाग अपनी तकनीकी शाखा का गठन करेगा और साथ ही एक राज्य स्तरीय तकनीकी डिजाइन एवं गुणवत्ता नियंत्रण संस्थान की स्थापना भी की जाएगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रधानों के सुझावों को तकनीकी शाखा बनाते समय ध्यान में रखा जाएगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले ही 50 करोड़ रुपये का अनुदान देकर एक कोष स्थापित किया है, जिसके माध्यम से सीमेंट की उचित आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है जो नित-प्रतिदिन पंचायतों को होने वाली सीमेंट आपूर्ति की निगरानी कर रहा है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए कि ग्रामीण स्तर पर सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं की मुरम्मत, रख-रखाव का कार्य मनरेगा व 14वें वित्तायोग की धनराशि से युद्ध स्तर पर किया जाए। उन्होंने इस कार्य में पंचायतों से भी तत्परता से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खण्ड व पंचायत स्तर पर लम्बित कार्यों का नियमित रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है और इन कार्यों को तीव्र गति से कार्यान्वित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में विलम्ब करने वाली पंचायतों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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