( धनेश गौतम ) बंजार विस् क्षेत्र के तहत खाड़ागाड़ उप जिप चुनाव भाजपा कांग्रेस के लिए बुरी खबर लाया है। यहां स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पाए हैं। खाड़ागाड़ उप चुनाव में इस बार जनता ने पक्ष के साथ विपक्ष को मजबूत करने का निर्णय दिया है। यहां पर कांग्रेस समर्थित दुष्यंत ठाकुर चुनाव जीत गए हैं और भाजपा ने जो जोर आजमाइश की थी उसका जनता ने जवाब दे दिया है। मात्र छह माह में बंजार में जनता का भाजपा से मोह भंग हो गया है। जनता में सत्तापक्ष के खिलाफ यहां भारी आक्रोश है। जो वादे चुनाव के दौरान किए थे वे एक भी पूरे नहीं हुए हैं इसलिए जनता ने भाजपा को सत्ता में होते हुए करार जवाब दिया है कि सत्ता की चाबी आखिर जनता के हाथ में है।
उधर दुष्यंत की जीत के बाद बंजार में कांग्रेस में जश्न का माहौल है । यहां जनता का कहना है कि भाजपा ने छह माह में कुछ भी नहीं किया है बल्कि जनता से जीत के बाद वादे पूरे करने के बजाए दूरी बनाई है और प्रदेश सरकार की तारीफों के पुल बांधने के अलावा जमीनी स्तर पर कुछ भी काम नहीं हुआ है। उधर भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा से कम नहीं था। भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी मशीनरी लगा ली थी फिर भी जनता के सामने एक नहीं चली। यहां यह चुनाव भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी वर्सिज कांग्रेस प्रत्याशी दुष्यंत माना जा रहा था। इसी लिए भाजपा विधायक की छह माह के विकास से यह चुनाव जोड़ा गया है। वहीं भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए सरकार की पूरी मशीनरी इसी वार्ड में लगा दी पर जनता के आगे एक न चली।
बताया जा रहा है कि भाजपा ने जिन योजनाओं का शुभारंभ किया था और जो योजनाएं स्वीकृत हुई थी लेकिन उन पर काम नहीं हो रहा था अब उन योजनाओं ने भी जोर पकड़ लिया था और युद्ध स्तर पर काम हो रहा थे ताकि चुनाव जीता जा सके। सैंज के डॉक्टर को बंजार ले जाया गया । पूरे विस् क्षेत्र में वेशक विकास कार्य ठप पड़े हो लेकिन इस वार्ड में सभी काम सरकार के इशारे पर शुरू हो गए थे। लिहाजा खाड़ागाड़ वार्ड में हुए चुनाव का समय घड़ी की सूई के आगे की ओर बढ़ते ही आज परिणाम के साथ समाप्त हो गया है। वहीं सोशल मीडिया में कुछ लोगों का कहना है कि इस चुनाव को विधायक सुरेंद्र शोरी की अग्नि परीक्षा माना जा रहा था लेकिन वे इस अग्नि परीक्षा में फेल हो गए हैं। सुरेंद्र शौरी बंजार की पैरवी करने में कितने सफल हुए इसका भी इस पंचायत चुनाव में पता चल गया है। अगर बंजार की धरती में सच में विकास हुआ होता, अगर धरती में सच में बदलाव हुआ होत तो भाजपा समर्थित उम्मीदवार को यह चुनाव निशिचित तौर पर जीतना चाहिए था ।
जनता का मानना है कि भाजपा द्वारा विकास व बदलाव की सिर्फ कोरी अफवाहें ही फैलाई गई यही कारण है कि भाजपा समर्थित उम्मीदवार को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन मतदाताओं के मन में क्या चला था और क्या बात चली थी इसको लेकर प्रत्याशी भी खासे परेशान थे लेकिन यहां दुष्यंत की जीत पहले से ही इसलिए मानी जा रही थी कि विधायक जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे थे। इस बार जनता बंजार के भविष्य को देख कर मतदान करने के पक्ष में साफ नजर आई जब बालक राम को भाजपा ने अपना समर्थित उम्मीदवार बनाया तब सभी को ऐसा लग रहा था कि अब एक अच्छा मुकावला देखने को मिल सकता है।
लेकिन बाद में ऐसा लग रहा था कि जनता इस मुकाबले को रोचक बनाने में जुटी हुई है और जनता चुनाव व चुनाव प्रचार का भी भरपूर आनंद ले रही थी लेकिन जनता के मूड़ का पता परिणाम निकलते ही चल पड़ा है। जनता का कहना है कि भाजपा की हार का कारण स्थानीय विधायक के ढीले रवैये का होना है। कुछ मतदाताओं का कहना है कि विधायक द्वारा भाजपा के बरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। जो इस वार इस पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार पर भारी पड़ गई है। कुछ मतदाताओं का कहना है कि हालांकि बालक राम को जनता एक अच्छा इंसान मानती है जनता को उनसे कोई नाराजगी नहीं थी लेकिन उन्हें नुकसान हुआ तो वह सत्ता पक्ष की एंटी इंकवेसी के चलते झेलना पड़ा है।बहरहाल जनता ने सत्ता पक्ष को नकार दिया है और जनता ने विधायक पर विश्वाश न कर विधायक को नकार कर विपक्ष पर विश्वाश किया है और बंजार में जश्न का माहौल है।