नाहन विकास खंड के धारटीधार क्षेत्र के बाडथल मधाना के भारतीय सेना में कार्यरत 42 वर्षीय हवलदार यशपाल सिंह को दिल का दौरा पडने से निधन हो गया। 14 जैक राइफल में डलहौजी में ट्रेनिंग कोर्स के दौरान यशपाल को दिल का दौरा पड़ा। सेना के हेलीकॉप्टर उन्हें पठानकोट अस्पातल पहुंचाया गया। जहां से उनकी नाजुक हालत को देखते हुये हवाई सेवा से आरआर अस्पताल दिल्ली पहुंचाया गया। बुधवार सायं को हवलदार यशपाल ने दम तोड दिया। वो अपने पीछे दो बेटों के अलावा पत्नी उर्मिला के साथ-साथ बूढ़े माता-पिता अलबेल सिंह व कृष्णा देवी को भी छोड़ गए हैं।
दिवंगत यशपाल के बड़े भाई जगमोहन ने बताया कि परिवार के सदस्य भी अंतिम वक्त मेें दिल्ली ही थे। धारटीधार के अलबेल सिंह का पूरा परिवार देश सेवा के प्रति गहरी रूचि रखता है। 90 साल के हो चुके अलबेल सिंह ने खुद सेना में सेवाएं दी। 1955 के आसपास इंजीनियरिंग रेजीमेंट से रिटायर हुए थे। अपने 10 में से चार बेटों को सेना में भेजा। बड़ा बेटा भूपेंद्र सिंह बतौर सूबेदार रिटायर हुआ। जबकि हवलदार के पद से सुरेंद्र व जगमोहन सेवानिवृत हुए। पूर्व सैनिक अलबेल सिंह के दो पोते भी सेना में सेवारत हैं। परिवार के होनहार बेटे यशपाल के आकस्मिक निधन से परिवार को गहरा सदमा पहुंचा है।