( जसवीर सिंह हंस ) आईजीएमसी शिमला में दलित नेता केदार सिंह जिंदान के शव पोस्टमार्टम करवाने के बाद रविवार को करीब चार बजे पुलिस काफले के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच उसके पैतृक गांव जईलभोज के पाब लाया गया। जंहा भारी पुलिस सुरक्षा के बीच उसका अन्तिम संस्कार किया गया। शव जिला मुख्यालय नाहन से होते हुए गांव पंहुचा। जंहा दलित समाज के कई संगठनों के कार्यकर्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के अधिकारियों ने अन्तिम संस्कार में भाग लिया।
केदार सिंह जिदान की हत्या पर नाहन में कोली समाज ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मामले की सीबीबाई जांच की मांग की है। नाहन में केदार सिंह के शव का कोली समाज सहित विभिन्न संगठनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कोली समाज के जिला अध्यक्ष संजय कोली व समाज सभा के महासचिव संदीपक ने केदार सिंह जिदान की हत्या को दलित समुदाय पर एक बड़ी सोची समझी साजिश बताया। संदीपक ने कहा कि शिलाई क्षेत्र में शोषित वर्ग की आवाज उठाने वाले जिंदान पर पहले कई बार जानलेवा हमले हुए हैं।
इस तरह के कई मामले शिलाई क्षेत्र में सामने आए हैं। उधर, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा कि केदार सिंह जिंदान की हत्या साजिश के तहत की गई है। केदार सिंह पहले भी दलितों की आवाज उठाते रहे हैं। सतौन में उनके ऊपर पहले जानलेवा हमला हुआ था, उस मामले को पुलिस ने पूरी तरह से दबा दिया था। अन्तिम संस्कार में ठियोग के विधायक राकेश सिंधा, कुलदीप तन्वर, कामरेड विश्वनाथ शर्मा, मृतक की पत्नी हेमलता, उपयुक्त सिरमौर ललित जैन, एसपी सिरमौर रोहित मालपानी, पुलिस दल सहित कोली समाज व दलित संगठन के कार्यर्कता मौजूद रहे।