आईटीआई सराहां के प्रस्तावित भवन को टिक्कर से काहन शिफ्ट करने पर हाईकोर्ट से स्टे ,अब काहन में आईटीआई का भूमि पूजन नहीं कर सकेगे तकनीकी शिक्षा मंत्री

 

सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के तहत सराहां के टिक्कर में बनने वाले आईटीआई भवन को भाजपा के कार्यकर्ता राजनैतिक द्वेष भावना के चलते टिक्कर से बदल कर काहन में ले जाना चाहते थे। जिस पर बुधवार को माननीय हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक स्टे दे दिया है। अगली सुनवाई तक अब आईटीआई भवन का काहन में कोई भूमि पूजन नहीं हो सकता।

बता दें कि राज्य स्तरीय श्रीवामन द्वादशी मेले के समापन अवसर पर भाजपा के कार्यकर्ता आईटीआई जो टिक्कर में बननी प्रस्तावित है, उसे वहां से शिफ्ट कर काहन में उद्योग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री विक्रम ठाकुर से भूमि पूजन करवाकर बनाना चाहते थे। जो अब नहीं होगा। विदित रहे कि सात सितंबर को पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के सराहां व आसपास के ग्रामीणों ने आईटीआई भवन सराहां को टिक्कर से काहन स्थानांतरित किये जाने के विरोध में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। पच्छाद क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2007 से सराहां में गवर्नमेंट आईटीआई एक निजी भवन में चल रही है। जिसके बाद सरकार की मांग पर टिककर ग्राम वासियों ने 5 बीघा भूमि 15 सितंबर  2015 को आईटीआई भवन के लिए दान दी।

उसके बाद प्रदेश सरकार ने टिककर में आईटीआई भवन के निर्माण के लिए 7 करोड़ 14 लाख 96 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की। जिसमें से 1 करोड़ 46 लाख रूपये लोक निर्माण विभाग को 2017 में जारी कर दिए गए।  उसके बाद तात्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 20 फरवरी 2017 को टिक्कर में आईटीआई भवन का शिलान्यास किया। 21 सितंबर 2017 को लोक निर्माण विभाग राजगढ़ ने आईटीआई सराहां-टिक्कर भवन के निर्माण का टेंडर भी करवा दिया। मगर 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी आईटीआई का कार्य लोक निर्माण के अधिकारियों द्वारा शुरू नहीं करवाया गया ।

एसडीएम के माध्यम से सीएम को सौंपे ज्ञापन गये ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक द्वेष भावना के चलते सत्ताधारी दल के कुछ कार्यकर्ता आईटीआई भवन को टिक्कर से शिफ्ट कर काहन ले जाने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में ग्रामीणों ने चेताया कि उन्होंने अपने 5 बीघा बहुमूल्य जमीन आईटीआई भवन के लिए दान दी है।  यदि इस भवन को किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है, तो ग्रामीण लोक निर्माण विभाग व प्रदेश सरकार के खिलाफ  उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हो जायेगे। जिसके तहत बुधवार को होईकोर्ट ने मामले में स्टेटसको दे दिया है। हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेंद्र पुंडीर ने बताया कि आईटीआई भवन जो टिक्कर में बनना है, उस पर माननीय हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक स्टेट लगा दिया है।

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