कहते हैं मां की किम्मत हम कभी नहीं उतार सकते , लेकिन मां के जीवन की रखवाली कर अपने जीवन को साकार कर सकते हैं। ऐसा ही एक वाक्या आनी उपमंडल की ब्यूंगल पंचायत के रमोही गांव में पेश आया है, जब एक बुजुर्ग मां अपने खेत मक्की तोड़ने गई और भालू ने अचानक बुजुर्ग महिला पर हमला किया तो बेटे ने अपनी मां के जीवन को बचाकर बेटे होने का फर्ज अदा किया। जानकारी के मुताबिक आनी खण्ड की ब्यूंगल पंचायत के रमोही गांव में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला वीरवार सुबह करीब 11 बजे घर के साथ लगते खेत मक्की तोड़ने गई। तो अचानक कहीं से एक भालू आया और बुजुर्ग महिला पर हमला करने के लिए महिला को घेरा ।
बुजुर्ग महिला भालू को देखकर हैरान हुई और खेत में चूपचाप बैठी। जैसे ही भालू महिला पर हमला करने टूट पड़ा तो बुजुर्ग महिला विद्या देवी के बेटे ने देखा कि उसकी मां खतरे में है। बुजुर्ग महिला का फौजी बेटा बबलेश तुरन्त खेत में भालू से भिड़ गया। फौजी बबलेश ने भालू के दोनो पैर पकड़े और नीचले खेत को पटक दिया और भालू वहां से भाग गया। ऐसे में महिला विद्या देवी की पीठ में भालू के नाखुनों की खरोंचे आई है। जिसके बाद फौजी बेटे ने अपनी मां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दलाश पहंुचाया। अस्पताल में तैनात प्रभारी डा प्रवीण ने बताया कि भालू के हमले में घायल महिला को प्राथमिक उपचार के बाद रामपुर अस्पताल रैफर किया गया है। भालू के हमले से अपनी मां को बचाने वाले बहादुर बेटे को क्षेत्र के लोग शाबाशी दे रहे हैं।
फौजी जवान बेटा इन दिनों कश्मीर में तैनात है जो छुट्टियों के लिए घर आया है। इधर भालुओं के लगातार हमलों से क्षेत्रवासी चिन्तित है। दिनदिहाड़े भालुओं के अक्रामक हमलों से अब हर कोई सन है। उल्लेखनीय है कि दलाश क्षेत्र में अभी हाल ही में दिनदिहाड़े एक भालू का हमला हुआ था जबकि इससे पूर्व भी कई हमले लोगों पर हो चुके हैं। क्षेत्र के लोगों की मानें तो इस क्षेत्र में करीब एक दर्जन भालू डेरा जमाए हुए हैं। जिनके पकड़ने के लिए उन्होंने वन महकमे से मांग उठाई है।डीएफओ लूहरी चन्द्रभूषण का कहना है कि उन्हें सूचना मिली है कि भालू के हमले में महिला जख्मी हुई है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि काम करते समय लोग अपने खेतों में धुंआ डाल कर रखें।