पढ़े बर्फ के कारावास में कैद लोगों की दिल दहला देने वाली दासतां

 

(धनेश गौतम )बर्फ के कारावास में कैद लोगों की दासतां दिल दहला देने वाली है।  देश के सबसे ऊंचे दिल्ली- लेह मार्ग में जहां सैंकड़ों लोग अभी भी फंसे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ कुल्लू काजा मार्ग में भी सैंकड़ों लोग राहत कार्य की उम्मीद लेकर बैठे हुए हैं। हालांकि दिल्ली-लेह मार्ग पर माइनस डिग्री तापमान में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन कुल्लू-काजा मार्ग के छोटा दड़ा से अच्छी खबर है। छोटा दड़ा में 6 दिनों तक 3 बच्चों सहित 49 लोग एक ही गैस्ट हाऊस में रहे। बीआरओ के इस गैस्ट हाऊस में सभी लोग सुरक्षित हैं और उनमें से कुछ लोगों को हैलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू करके कु ल्लू पहुंचाया गया है। इनमें 4 पर्यटक महिलाएं व 3 बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि वायुसेना की रेस्क्यू टीम ने सिर्फ बच्चों और महिलाओं को ही रेस्क्यू करके कुल्लू पहुंचायाा है जबकि बच्चों के पिता अभी भी छोटा दड़ा में ही हैं।

6 दिनों तक बर्फ की कैद में रही बड़ौदा(गुजरात) की बीना और दीक्षा व दिल्ली की शिखा व शैली ने बताया कि वे कुल्लू-मनाली होकर काजा घूमने जा रहे थे। 2 वाहनों में 3 बच्चों के अलावा 8 लोग शामिल थे जब वे छतरू से आगे पहुंचे तो बर्फबारी शुरू हो गई थी। उक्त महिलाओं ने बताया कि उनकी किस्मत अच्छी थी कि उन्हें आभास हो गया कि बर्फबारी ज्यादा हो रही है और वहां उन्हें बीआरओ का गैस्ट हाऊस नजर आया, सभी ने वहंा सुबह तक रूकने का निर्णय लिया और यह निर्णय उनके जीवन का सबसे बेहतरीन निर्णय था । शिखा व शैली ने बताया कि यदि वे वहां गैस्ट हाऊस में न रूके होते तो शायद आज वे परिवार सहित जिंदा न होते और उनके छोटे-छोटे बच्चे माइनस 30 डिग्री में जाम हो जाते। उन्होंने बताया कि इस छोटे से गैस्ट हाऊस में सुबह तक 49 लोगों ने शरण ली और 6 दिनों तक वे वहीं पर रहे।

उन्होंने कहा कि गैस्ट हाऊस का चौकीदार राजकुमार एक नेक इन्सान है और उन्होंने सभी फंसे लोगों की मदद की। उनके बच्चों को समय-समय पर दूध व अंडे देता रहा। इसके अलावा समय-समय पर राजकुमार उन्हें अवगत करवाता रहा कि अब मौसम साफ होने के बाद हैलीकॉप्टर आ सकता है और सभी ने हैलीकॉप्टर आते ही बाहर निकलकर इशारा करना है कि वे वहां फसे हुए हैं ताकि रेस्क्यू टीम को पता लग सके कि वे यहां बर्फ में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि छठे दिन मौसम साफ होते ही जैसे ही हैलीकॉप्टर आया तो उनकी जान में जान आई और हैलीकॉप्टर से उन्हें खाद्य सामग्री फैंकी गई। यह खाद्य सामग्री गैस्ट हाऊस से कुछ ही दूर 5 फुट बर्फ पर गिरी और कुछ लोगों ने हौसला कर इसे एकत्र कर लाया। इसके बाद दूसरे दिन भी हैलीकॉप्टर से खाद्य सामग्री गिराई गई और तीसरे दिन उन्हें रेस्क्यू करके कुल्लू पहुंचाया।

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