आपदा प्रबन्धन में मीडिया की भूमिका पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नन्दा ने की।इस अवसर पर मनीषा नन्दा ने कहा कि आपदाएं जीवन के प्रत्येक पहलू तथा प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान विनाशकारी अकाल पड़ने के बाद फेमिन कमिशन का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में भोपाल गैस त्रासदी एक और दिल दहला देने वाली त्रासदी थी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे आपदाओं के विषय में सतर्क रहें तथा पिछली आपदाओं से सबक लें।
उन्होंने आपदा के दौरान और उपरान्त प्रशिक्षण और इससे निपटने की तैयारी पर बल दिया तथा कहा कि मीडिया को सरकारी अधिकारियों के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर आपदा के प्रभावों को कम करने के प्रयास करने चाहिए।
आरटीएम विश्वविद्यालय नागपुर में मास कम्युनिकेशन विभाग के सहायक प्रोफेसर मोइज़ मैनन हक ने कहा कि मीडिया को आपदाओं की रिपोर्टिंग में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने जन सम्पर्क पेशेवरों से समय रहते मीडिया को सूचित करने का भी आग्रह किया ताकि बहुमूल्य जानकारी के प्रयोग से जान व माल की रक्षा की जा सके।
एनडीटीवी इंडिया के (सरकारी मामलों) के सम्पादक हिमांशु शेखर मिश्रा ने आपदाओं के दौरान अपनी रिपोर्टिंग व शोध से संबंधित अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कश्मीर में आई बाढ़ के दौरान अपने अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने मीडिया के विकासीय दृष्टिकोण पर बल दिया। उन्होंने आपदा प्रबन्धकों जिसमें की सरकारी व निजी हित धारक शामिल हैं को जनता की भलाई के लिए एक-दूसरे को समझने व आपसी समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया।निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कश्यप ने अपने सम्बोधन में राज्य में हाल ही में भारी बारिश के दौरान मीडिया की भूमिका की सराहना की। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि आपदाओं के दौरान जिम्मेवारी से रिपोर्टिंग करें ताकि लोगों में किसी प्रकार का भय पैदा न हो।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा ने राज्य में घटित हुई आपदाओं के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने भूकंप की तैयारी पर विशेष बल दिया क्योंकि राज्य भूकंपीय जोन-5 में आता है। उन्होंने जन संचार के छात्रों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया को नई से नई आपदाओं की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष सचिव राजस्व व आपदा प्रबन्धन डी.सी. राणा ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबन्धन के लिए राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। कार्यशाला में विभिन्न मीडिया कर्मी, राज्य सरकार के अधिकारी व छात्रों ने भी भाग लिया।