रायपुर सहोड़ा से लापता चल रहे सुमित का शव कोटला गांव के जंगल मे पेड़ से लटका बरामद हुआ है। सूचना मिलने पर परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। सुमित 24 सितम्बर से लापता चल रहा था। जिसे परिजनों ने हर जगह ढूंढा लेकिन वह कहीं नही मिला। शव मिलने के बाद परिजनों ने विधायक सतपाल रायजादा के नेतृत्व में रैड लाइट चौंक पर युवक के शव को हाईवे (चंडीगढ़-धर्मशाला) पर रखकर चक्का जाम कर दिया। करीब रात 10 बजे से रात 1 बजे तक चक्का जाम रखा। लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर काफी नाराजगी दिखी। जाम लगने से यातायात प्रभावित रहा। पुलिस छावनी के रूप में तबदील हो गई।
मामला गंभीर होते देख एसपी दीवाकर शर्मा, एएसपी विनोद व डीएसपी अशोक सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे, मगर फिर भी हालत सामान्य नही हुए। इसी बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों में खूब गहमा-गहमी हुई। करीब 1 बजे लोगों का गुस्सा शांत हुआ, तब जाकर यातायात को दुरुस्त किया गया। परिजनों ने इसे हत्या की आशंका जताई है। गौर हो कि सुमित कुमार रायपुर सहोड़ा निवासी 24 तारीख को रायपुर से बंगाणा अपने मामा के पास घर से निकला। वहां पहुंचने के बाद करीब 6:00 बजे बंगाणा से वापस अपने घर के लिए रवाना हुआ, लेकिन आज दिन तक अपने घर नहीं पहुंचा।
यह बात सुमित के छोटे भाई निखिल ने बताई कि जब बंगाणा से वापस घर के लिए लौटा तो करीब 7:00 बजे उसकी बात सुमित से हुई। सुमित ने कहा कि भारी बारिश के चलते अपने दोस्त के पास ऊना में ही रुक जाऊंगा और वह सुबह ही घर पहुंचेगा। उसके बाद उसका फोन 7:15 बजे तक चलता रहा और उसके बाद स्विच ऑफ हो गया। 25 तारीख सुबह जब वह घर पर नहीं पहुंचा तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की
25 तारीख को जब उसने सुमित को फ़ोन किया तो फोन किसी महिला ने उठाया। उसने बताया कि मैं कोटला कलां से बोल रही हूं। जब घर वाले उस महिला के पास पहुंचे तो उसने कहा कि यह फोन यहां पर गिरा हुआ था। वहीं कुछ दूरी पर सुमित की मोटरसाइकिल और चप्पले भी पढ़ी हुई थी। आसपास काफी देर तक उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। बाद में घर वालों ने इस बारे पुलिस को सूचित किया। बंगाणा और कोटला कलां में पुलिस ने पूछताछ की, मगर सुमित का कोई सुराग नहीं मिला। अब उसका शव कोटला गांव में ही जंगल से मिला है।