ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के तहत 17356 करोड़ रुपये के निवेश के 159 समझौता ज्ञापनों पर किए गए हस्ताक्षर

राज्य सरकार प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों को और आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उद्योग, पर्यटन, वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक, अरोमा, सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रिकल व्हीकल, फिल्म तथा आयुष के लिए नई नीतियां तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह आज यहां हिमाचल प्रदेश इन्वेस्टर मीट के तहत समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृतियां सुनिश्चित करने के लिए धारा-118 पर ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक समझौता ज्ञापन के अतिरिक्त पर्यटन, वैलनेस, परिवहन, आवास तथा भाषा, कला एवं संस्कृति इत्यादि के लिए भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

You may also likePosts

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 159 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे प्रदेश में लगभग 17,356 करोड़ रुपये का कुल निवेश व 40,911 से भी ज्यादा लोगों के लिए रोज़गार के अवसर सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में 1115 करोड़ रुपये के तीन, उद्योग क्षेत्र में 5243 करोड़ के 88, पर्यटन एवं नागरिक उड्यन में 2810 करोड़ के 36, शहरी विकास में 4331 करोड़ के 17, भाषा कला एवं संस्कृतिक क्षेत्र में 25 करोड़ का एक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में 685 करोड़ रुपये के दो, आयुर्वेद क्षेत्र में 357 करोड़ रुपये के छः, सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये का एक तथा परिवहन क्षेत्र में 2780 करोड़ रुपये के पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि एक छोटे राज्य होने बावजूद भी हिमाचल प्रदेश बड़े कार्य कर रहा है तथा राज्य आज देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य की विभिन्न भौगोलिक कठिनाइयां के साथ-साथ प्रदेश की  भौगोलिक परिस्थितियां विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार सम्भावनाएं भी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशकों के लिए अनेक आकर्षक प्रोत्साहन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश देवभूमि के नाम से जाना जाता है तथा प्रदेश में लगभग शून्य अपराध दर, प्रतिक्रियात्मक व उत्तरदायी प्रशासन तथा निवेशक मित्र औद्योगिक नीति है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, कांगड़ा तथा शिमला में तीन हवाई अड्डों के अतिरिक्त 63 क्रियाशील हैलीपेड हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी क्षेत्रों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्गों का बेहतर नेटवर्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य प्रदेश में स्टेट-ऑॅफ-द-आर्ट अधोसंरचना स्थापित करना, निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना, समावेश बढ़ाना, नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना तथा विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। उन्होंने कहा कि नए उद्योग स्थापित करने या उद्योग में विस्तार करने के इच्छुक उद्यमियों/उद्योगपतियों को भारत सरकार के औद्योगिकी नीति एवं संवर्धन विभाग की औद्योगिक विकास योजना के तहत उनके संयंत्र तथा मशीनरी पर 30 प्रतिशत पूंजी निवेश उपदान दिया जाएगा, जो कि अधिकतम पांच करोड़ रुपये होगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष जून माह में धर्मशाला में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर मीट’ आयोजित करने की योजना बना रही है, जिसमें पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य देखभाल और आयुष, विनिर्माण, फार्मासियूटिकल, अधोसंरचना और लॉजीसिक्टस, ऊर्जा एवं नवीकर्णिय ऊर्जा, एग्रो और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उभरते क्षेत्रों पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक क्षेत्र निवेश के पर्याप्त अवसर प्रदान करते है जबकि क्षेत्र विशेष को लक्षित करती नीति निवेशकों के हितों को प्रोत्साहित करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को देश के श्रेष्ठ निवेश गतंव्य बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के विकास के लिए व्यापारिक भागीदारी पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि जब से वर्तमान सरकार सत्ता में आई है सरकार ने राज्य में व्यापार करने में बेहतरी के लिए महत्त्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जो कि भारत सरकार द्वारा सुधारी गई रैंकिग में दिखाई पड़ रहा है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में चार समृद्ध धरोहर स्मारकों के संरक्षण, प्रचार एवं प्रबन्धन के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के अन्तर्गत भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अन्तर्गत ‘आज पुरानी राहां से’ नामक योजना के तहत सापरी किला, कालका शिमला हेरीटेज रेलवे लाईन, निरमण्ड परशुराम मन्दिर तथा किन्नौर के छितकुल गांव को धरोहर के रूप में संजोए रखने पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय की ‘एडोप्ट अ हेरीटेज’ योजना, जिसमें कॉर्पोरेट घरानों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि की जरूरत होती है, के तहत पहली बार प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को लाभ मिलेगा।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को एक  वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर पर्यटन को प्रदेश की प्रगति में प्रमुख भूमिका प्रदान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में अनुकूल वातावरण, उत्तरदायी प्रशासन और निवेशक मित्र औद्योगिक नीति होना गर्व की बात है।

मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश विकास की अपार संभावनाएं प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिभा और शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में आई.आई.टी मण्डी और आई.आई.आई.टी ऊना आदि जैसे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रमुख शैक्षणिक संस्थान मौजूद है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व और लोक निर्माण विभाग मनीषा नंदा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची, प्रधान सचिव आवास प्रबोद्ध सक्सेना, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडु, सचिव सामान्य प्रशासन डॉ. आर.एन बता, सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति डॉ. पुर्णिमा चौहान, निदेशक उद्योग हंस राज शर्मा, निदेशक पर्यटन सी.पी वर्मा, विशेष सचिव उद्योग आविद हुसैन, उद्योगों के प्रमुख व अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!