(विजय ठाकुर) पौंग बांध विस्थापित समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक लोक निर्माण विभाग जवाली के विश्रामगृह में आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष हंस राज चौधरी ने की। बैठक में समिति वरिष्ठ उपाध्यक्ष हंस राज चौधरी के समक्ष पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी समस्याओं को रखा जिस पर विचार-विमर्श किया गया।
उपाध्यक्ष हंस राज चौधरी ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आजतक पालना राजस्थान सरकार व केंद्र सरकार की हाईपावर कमेटी द्वारा नहीं की गई है जिस कारण विस्थापितों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार व केंद्र की हाईपावर कमेटी द्वारा विस्थापितों के हकों को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास उपायुक्त राजा का तालाब शेष बच्चे पौंग बांध विस्थापितों को जिला कांगड़ा से 1500 किलोमीटर की दूरी पर अवैघ तरीके से सहमति पत्र लेकर राजस्थान सरकार के साथ मिलीभगत करके जिला जैसलमेर की तहसील रामगढ़, मोहनगढ़ व नाचना मे भूमि का आबंटन कर रही है जहां पर कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा कि चारों तहसीलें मरूस्थल में स्थित होने के कारण प्रतिबंधित क्षेत्र में आती हैं और वहां पर मानव का जीवन-यापन करना मुश्किल है। न तो सिंचाई सुविधा है और न ही स्वास्थ्य व स्कूल की सुविधा है जिस कारण वहां पर रहना किसी काले पानी की सजा से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे आबंटनों को तुरंत बंद किया जाए तथा उच्चतम न्यायालय के निर्णयनुसार प्रथम स्टेज में ही आबंटन किया जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि जब इंदिरा गांधी नहर का पानी केवल जिला श्रीगंगानगर के प्रथम चरण के लिए व्यवस्थित था तो द्वितीय चरण के लिए सिंचाई का पानी कहां से उपलब्ध होगा जिस कारण उक्त जगहों पर आबंटन पौंग विस्थापितों के हितों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के समक्ष भी पौेंग बांध विस्थापित अपने हकों की आवाज को कई बार उठा चुके हैं
लेकिन अभी तक आश्वासनों का झुनझुना ही मिल पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी पौंग बांध विस्थापितों के मसले को लेकर राजस्थान सरकार के साथ हस्तक्षेप नहीं किया है जिसके चलते राजस्थान सरकार के हौंसले बुलंद हैं तथा राजस्थान सरकार मात्र राजस्थान के लोगों को ही पौंग बांध विस्थापितों को अलाट हुई जमीन पर काबिज कर रही है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध विस्थापित अपनी किसी समस्या को लेकर अगर राजस्थान सरकार के विभागीय कार्यालयों में जाता है तो उसको एक से दूसरी जगह तक दौड़ाया जाता है जबकि कार्य करने को तरजीह नहीं दी जाती है।
उन्होंने कहा कि पौंग बांध के निर्माण के समय सरकार ने विस्थापितों के साथ वादा किया था कि उनको मूलभूत सुविधाओं से लैस जमीन बदले में दी जाएगी परंतु अभी तक पौंग बांध विस्थापितों को भूमि आबंटन नहीं हुआ है और अगर किया भी जा रहा है तो वो उन जगहों पर किया जा रहा है जहां पर मूलभूत सुविधा के नाम की कोई चीज ही नहीं है। हंस राज चौधरी ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों की सुनने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो भी शेष विस्थापित भूमि आबंटन से वंचित रहे हैं उनको हमाचल प्रदेश सरकार हिमाचल में ही भूमि आबंटन करे और राजस्थान में जाने को विवश न करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान सरकार के साथ मिलकर भूमि आबंटन करवाए अन्यथा आने वाले चुनावों में पौंग बांध विस्थापित चुनावों का वहिष्कार करके इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। इस मौके पर उपाध्यक्ष प्यारे लाल, महासचिव मदन मोहन चौधरी, हुकुमचंद, राजेंद्र प्रसाद, तिलक शर्मा, बाबू राम राणा,अरूण कुमार, रमेश शर्मा, सोम राज, सतीश कुमार, उत्तम चंद चौधरी सहित करीब 100 पौंग बांध विस्थापितों ने भाग लिया।