सहसपुर थाना पुलिस ने नशे के कारोबार में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कार सवार पति पत्नी सहित तीन लोगों को 313 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है। जिसकी कीमत 75 लाख रुपये आंकी गई है आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस ऐक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया है। आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। सहसपुर पुलिस को क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बड़े स्तर पर नशा तस्करी की शिकायत मिल रही थी। जिस पर पुलिस नशा तस्करों के गिरोह को दबोचने की कई दिनों से तैयारी कर रही थी। शुक्रवार रात करीब साढे दस बजे धर्मावाला पुलिस चौकी क्षेत्र में नशा तस्करों के सक्रिय होने की पुलिस को सूचना मिली। जिस पर पुलिस ने पहले से ही टीमें गठित कर नशा तस्करों के गिरोह पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया। जिस पर पुलिस को देर रात को एक कार में महिला सहित तीन लोग सवार मिले।
पुलिस ने कार को रोककर कर तलाशी ली। जिसमें पुलिस ने आरोपियों से 313 ग्राम स्मैक बरामद किया। पुलिस तीनो आरोपियों फुरकान पुत्र यामिन व उसकी पत्नी मेनाज उर्फ नाजो दोनों निवासी टिमली व सत्तार अली पुत्र शब्बीर अहमद निवासी टोका पांवटा जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश को गिरफ्तार किया है। सीओ विकासनगर वीडी उनियाल ने पत्रकार वार्ता में खुलासा करते हुए बताया कि फुरकान गिरोह का सरगना है। पूछताछ में फुरकान ने बताया कि वह बरेली से सस्ते दामों पर थोक में स्मैक खरीदकर लाता है। जिसे वह सहसपुर से लेकर देहरादून शहर तक सप्लाई करता है। बताया कि लंबे समय से वह इस कार्य को कर रहा है। बताया कि कारोबार को बढाने के लिए उसने सत्तार अली को अपने गिरोह का सदस्य बनाया है। बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। पुलिस की टीम में एसओ नरेंद्र गहलावत, चौकी इंचार्ज धर्मावाला दीपक मैठाणी, कांस्टेबल आशीष राठी, मनोज कपिल, सुमित कुमार, त्रेपनसिंह, अमित व जितेंद्र शामिल रहे।
पुलिस को चकमा देने लिए पत्नी को गिरोह में किया शामिल
गिरोह के सरगना फुरकान ने बताया कि पुलिस से बचने व चकमा देने के लिए उसने अपने कारोबार में पत्नी मेहनाज उर्फ नाजों को शामिल किया है। बताया कि नशा तस्करी के दौरान महिला के साथ रहने पर पुलिस आसानी से शक नहीं करती। ऐसे में महिला के साथ रहने से पुलिस की नजरों से बचकर वह अपने कारोबार को अंजाम देता रहा। कहा कि पहले भी कई बार वह जब सहसपुर, सेलाकुई व देहरादून में नशा बेचने गया तो पत्नी के साथ रहने से किसी ने उस पार शक नहीं खाया।