हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के घर में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। दरअसल पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से भाजपा मंडल के पूर्व महामंत्री व मौजूदा में ग्राम पंचायत भैला के प्रधान मनीष तोमर ने भाजपा के टिकट की दावेदारी की थी, यह सिलसिला कुछ सप्ताह तक चलता रहा। इसके बाद भाजपा मंडल ने मनीष तोमर को पार्टी से निष्कासित करने का फरमान जारी कर दिया।
निष्कासन ने आग में घी का काम किया है। बुधवार को पंचायत प्रधान मनीष तोमर भी खुलकर मीडिया के सामने आ गए। पांवटा साहिब में पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से यह सवाल पूछा है कि क्या संवैधानिक तरीके से पार्टी का टिकट मांगना अनुचित है।
मनीष ने सवाल उठाया कि भाजपा मंडल पार्टी के खिलाफ गतिविधियों को लेकर तीन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन मंडल द्वारा केवल उन्हें ही पार्टी से निष्कासित किया गया है। युवा नेता ने कहा कि वह भाजपा के ईमानदार और निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, लेकिन पार्टी से टिकट मांगने को अनुशासनहीनता से जोड़ दिया गया। इससे साबित होता है कि पार्टी में तानाशाही की जा रही है।
तोमर ने भाजपा के मौजूदा मंडल अध्यक्ष अरविंद गुप्ता की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये है। तोमर ने कहा कि निष्कासन का निर्णय पूरी तरह से अवैध है। तोमर ने कहा कि कसूर यह भी है कि वह गिरीपार से क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। भाजपा में गिरीपार क्षेत्र को भी मौका मिलना चाहिए। तोमर ने यह भी कहा कि पांवटा साहिब के पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र शिलाई व नाहन में जमकर विकास कार्य हुए हैं, लेकिन पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र पिछड़ गया है।
गौरतलब है कि पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी दंगल बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है। देखना यह होगा कि भाजपा से बगावत कर मनीष तोमर मैदान में उतरते हैं या नहीं। उधर कांग्रेस के तेज तर्रार नेता नॉटी के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद भी हल्के में नई बिसात बिछ रही है।