भाटावाली पंचायत में प्रधान और सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी ,पढ़ें खबर क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को हाई कोर्ट हिमाचल प्रदेश जिसमें माननीय जज ज्योत्स्ना रिवाल ने 6 सप्ताह के भीतर इस मामले में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। जांच के लिए डिप्टी डायरेक्टर-कम-प्रोजेक्ट ऑफिसर, डिस्टिक रूरल डेवलपमेंट अथॉरिटी को आदेश जारी करते हुए कहा कि अगले 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी की जाए।

वही इस बारे में जानकारी देते हुए नरेंद्र कुमार शिकायतकर्ता ने बताया कि CWP No.6588 of 2024 के अनुसार भाटावाली पंचायत में प्रधान और सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी हुए हैं। भाटा वाली पंचायत में भ्रष्टाचार करने के कई मामले सामने आए हैं जिसकी जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई, भ्रष्टाचार की दस्तावेजों के साथ शिकायत डीसी सिरमौर से लेकर उच्च अधिकारियों तक की गई, बावजूद इसके ना तो प्रधान पर कोई कार्रवाई की गई ना ही सचिव पर कोई कार्रवाई हुई। राजनीतिक हस्ताक्षेप के कारण पंचायत में हुए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियो को बचाया गया । जिसके बाद उन्हें उच्च न्यायालय का रास्ता इक्खतियार करना पड़ा अब उच्च न्यायालय ने भाटावाली पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को लेकर 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है उम्मीद है कि अधिकारी इस पूरे मामले में उच्च न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार में प्रधान और सचिव पर कठोर कार्रवाई करेंगे।

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मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को हाई कोर्ट हिमाचल प्रदेश जिसमें माननीय जज ज्योत्स्ना रिवाल ने 6 महीने के भीतर इस मामले में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। जांच के लिए डिप्टी डायरेक्टर-कम-प्रोजेक्ट ऑफिसर, डिस्टिक रूरल डेवलपमेंट अथॉरिटी को आदेश जारी करते हुए कहा कि अगले 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी की जाए।

वही इस बारे में जानकारी देते हुए नरेंद्र कुमार शिकायतकर्ता ने बताया कि CWP No.6588 of 2024 के अनुसार भाटावाली पंचायत में प्रधान और सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी हुए हैं। भाटा वाली पंचायत में भ्रष्टाचार करने के कई मामले सामने आए हैं जिसकी जानकारी आरटीआई के माध्यम से ली गई, भ्रष्टाचार की दस्तावेजों के साथ शिकायत डीसी सिरमौर से लेकर उच्च अधिकारियों तक की गई, बावजूद इसके ना तो प्रधान पर कोई कार्रवाई की गई ना ही सचिव पर कोई कार्रवाई हुई। राजनीतिक हस्ताक्षेप के कारण पंचायत में हुए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियो को बचाया गया । जिसके बाद उन्हें उच्च न्यायालय का रास्ता इक्खतियार करना पड़ा अब उच्च न्यायालय ने भाटावाली पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को लेकर 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है उम्मीद है कि अधिकारी इस पूरे मामले में उच्च न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार में प्रधान और सचिव पर कठोर कार्रवाई करेंगे।
क्या है आरोप ….

शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार ने बताया कि जिस वक्त पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते आपदा बरस रही थी उस वक्त कुछ लोग इस आपदा में अवसर तलाश कर रहे थे सत्ता में बड़े नेताओं की ठीक नाक के तले भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा था। इस भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने खंड विकास अधिकारी पांवटा साहिब से सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त की है कि गत वर्ष आपदा के तहत आवास योजना में अवलोकन करने पर पाया गया की तकरीबन 13 लोगों को लाभ दिया गया है उन सभी के मौके पर पक्के मकान बने हुए हैं तथा किसी के मकान को आपदा के दौरान कोई नुकसान नहीं हुआ दरअसल प्रधान राकेश कुमार द्वारा जम कर भ्रष्टाचार किया गया है जबकि धरातल पर आपदा के दौरान भाटांवाली पंचायत में कोई नुकसान हुआ ही नही है।

उपरोक्त विषय पर आपका ध्यान जिला पंचायत अधिकारी, जिला सिरमौर के पत्र कमाक-पीसी-2-मिस-111/20 (भांटा वाली)-9322 दिनांक 22/02/2024 जिसके माध्यम से नरेन्द्र कुमार निवासी बातामण्डी ग्राम पंचायत भाटावाली ने आरोप लगाए थे कि पंचायत प्रधान राकेश कुमार और सचिव द्वारा आपदा के दौरान स्वीकृत आवास योजना में गड़बड़ी व दोहरी हाजरियां लगा कर धन का दुरुपयोग किया गया था। प्रस्तुत शिकायत पत्र दिनांक 15/2/2024 जिला अधिकारी को भेजा भेजा गया था तथा मामले में छानबीन उपरान्त 45 दिन के भीतर रिपोर्ट मंगवाई गई थी. किंतु कई महीनो बाद भी इस जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया और भ्रष्टाचार के मामलों को पूरी तरह से दबा दिया गया था। कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद क्या शिकायत करता नरेंद्र को इंसाफ मिल पाता है या फिर मिली भगत से कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश कर सकते हैं भ्रष्टाचारी।

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