झूठी गारंटियों के नाम पर सत्ता हथियाना वालों के मुंह से वोट चोरी की बात बेशर्मी : जयराम ठाकुर

हिमाचल में वोट चोरी करने वाले सीएम को इस्तीफा देकर प्रदेश से मांगनी चाहिए माफी

 

कांग्रेस को झूठी गारंटी के लिए मांगनी चाहिए प्रदेश से माफी और छोड़नी चाहिए सत्ता

 

कांग्रेस मैं कितने गुट मुख्यमंत्री खुद देखें और गिने

अपनी झूठी गारंटियों से ही खुद भाग रही है कांग्रेस की सुक्खू सरकार

 

गिने चुने विधानसभा क्षेत्रों पर ही सरकार का ध्यान, सत्ता और विपक्ष के विधायक

 

Khabron wala 

शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में वोट चोरी और जनादेश हथियाने का दोषी कांग्रेस है। प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार झूठी गारंटियों के द्वारा हिमाचल में वोट की चोरी की है और यहां की सत्ता हथियाई है। कांग्रेस नीत सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को प्रदेश के लोगों के साथ किए गए इस छल के लिए माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस के नेताओं द्वारा वोट चोरी की बात करना अपनी बेशर्मी प्रदर्शित करने जैसा है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के हिमाचल प्रभारी के सामने कांग्रेस की असलियत सामनेआ गई। कांग्रेस के नेताओं द्वारा जमकर शक्ति प्रदर्शन किया गया। मंत्री महोदय को चाहिए कि इस शक्ति प्रदर्शन को देखें और स्वयं गिन लें की हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कितने धड़ों में बटी हुई है और कांग्रेस कर क्या रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियां देकर सत्ता हथियाना, झूठी वादे करके लोगों का वोट ले लेना और सरकार बनने के बाद अपनी गारंटियों से साफ मुकर जाना वोटो की चोरी होती है, जनादेश हथियाना होता है और कांग्रेस इसमें ’मास्टर’ है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वोट चोरी का ज्वलंत उदाहरण है। जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े–बड़े नेताओं ने खुलेआम आकर दस गारंटियां दी। उसके बाद देश भर से कांग्रेस के प्रवक्ताओं की फौज और हिमाचल के छोटे–बड़े नेता गली चौराहे पर जाकर चीखते रहे और पहली कैबिनेट में ही से गारंटियों को लागू करने की कसमें खाते रहे। उसमें के नेताओं के गारंटियों को लेकर दिए गए बयान सुनकर आज हंसी आती है। गारंटियों को पूरा न करने के उनके आज के तर्क और बयान सुनकर तरस आता है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाला व्यक्ति इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है। जिन गारंटियों के नाम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी आज उनके नाम से भी भागती है। कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री और मंत्री कई दफा अपनी ही गारंटियों से मुंह मोड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने तो सदन के भीतर ही कह दिया था कि हमने एक लाख सरकारी रोजगार पहली कैबिनेट में देने का कोई वादा ही नहीं किया था। इसके अलावा कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र तो सुख की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कभी पलट कर भी नहीं देखा। इस तरीके के झूठे वादे करना जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात है उनके वोट की साथ चोरी है। जनादेश को हथियाना है। लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करना है। दुर्भाग्य से भारत के इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी वोटों की चोरी में सिद्धहस्त है। हिमाचल प्रदेश के लोगों को 10 झूठी गारंटियां देकर उनके वोट चोरी करने के लिए कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

गिने चुने विधानसभा क्षेत्रों पर ही सरकार का ध्यान, सत्ता और विपक्ष के विधायक

जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए विकासात्मक परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को देती है लेकिन वर्तमान सरकार का गिने चुने विधानसभा क्षेत्र में ही उन परियोजनाओं के डीपीआर स्वीकृत करवा रही है। बाकी विधानसभा क्षेत्र के विकास को अनदेखा कर रही है। एक मुख्यमंत्री के रूप में इस तरीके से कार्य करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री के इस रवैए से हिमाचल के सत्तापक्ष के लोग भी त्रस्त हैं और विपक्ष के भी। सत्ता पक्ष के विधायक भी सदन में ही मुख्यमंत्री से आश्वाशन मांग रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि यही मौका है।

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