अपनी हर जिम्मेदारी को सत्यनिष्ठा से निभा रहे हैं मुख्यमंत्री: नरेश चौहान

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बेटी के दाखिले के लिए विदेश गए मुख्यमंत्री पर असभ्य बयानबाजी विपक्ष के बौद्धिक एवं नैतिक पतन की चरम सीमा

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने आज यहां बताया कि प्रदेश भाजपा इस दयनीय स्थिति पर पहुंच चुकी है की उनके पास प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के विरुद्ध कहने को कोई गम्भीर और जनस्वीकार्य मुद्दा नहीं बचा है।

नरेश चौहान ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू बतौर मुख्यमंत्री अपने समस्त दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए अपेक्षाओं से बढ़कर जनसेवा करने का प्रयास कर रहे हैं। राजनीतिक जीवन में अपनी प्रत्येक जिम्मेदारी को सत्यनिष्ठा से निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त वह एक पिता भी हैं और अपने परिवार के प्रति भी उनकी जिम्मेदारी है जिसके निर्वहन हेतु वह अपनी बेटी का उच्च शिक्षा के लिए दाखिला करवाने के सिलसिले में परिवार सहित विदेश की निजी यात्रा पर हैं। ऐसे में एक पिता का धर्म निभाने के लिए मुख्यमंत्री पर गैरजिम्मेदराना टिप्पणी करना विपक्ष के बौद्धिक एवं नैतिक पतन की चरम सीमा का दुखद उदाहरण है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आज मुद्दाहीन है और इसी बौखलाहट में वह मुख्यमंत्री के निजी और व्यक्तिगत जीवन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर आतुर दिखाई पड़ रहा है।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन केे दृढ़ संकल्प के साथ अढ़ाई वर्षों के अपने छोटे से कार्यकाल में सतत् विकास, आत्मनिर्भरता, संसाधन सृजन, पारदर्शिता, रोज़गार सृजन और आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में जो निर्णय और नीतियां अपनाई हैं वह न केवल हिमाचल और प्रदेशवासियों की प्रगति का नया अध्याय रच रही हैं बल्कि अन्य राज्यों के लिए पथप्रदर्शक बनी हैं। उन्हांेने कहा कि इन नीतियों से समस्त प्रदेशवासी लाभान्वित हो रहे हैं और व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय में प्रदेश सरकार का पूरा समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की नीतियों और समर्थन को मिल रहे अपार जनसमर्थन से विपक्ष बेचैन है और इसी तिलमिलाहट के चलते वह अब मुख्यमंत्री के निजी जीवन पर बेतुकी बयानबाजी करने के निम्त स्तर पर आ पहुंचा है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया ने कहा कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने को जो संवैधानिक दायित्व भाजपा को मिला है वह उस भूमिका में पूर्ण रूप से विफल रही है। उसके उलट विपक्ष आज ट्रोल आर्मी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि भाड़े पर ट्रोलर इकट्ठे कर मुख्यमंत्री के निजी जीवन पर असभ्य टिप्पणी करना न तो राजनीतिक जीवन से जुड़े व्यक्तियों को शोभा देता है और न ही सभ्य समाज में स्वीकार्य है।

उन्होंने कहा कि भाजपा आज पांच गुटों में बंट चुकी है और सभी गुट आपसी लड़ाई में इस कदर उलझे हैं कि उनका सम्पर्क आमजन से पूरी तरह टूट चुका है। यदि विपक्ष लोगों के बीच जाए तो वह जानेंगे कि प्रदेश सरकार की योजनाएं लोगों के जीवन में समृद्धि ला रही है जिस कारण प्रदेशवासियों में मुख्यमंत्री के लिए स्नेह और सम्मामन है।

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