परिवर्तन रथयात्रा का जवाब पदयात्रा से देगी कांग्रेस, पच्छाद में 16 से शुरू होगी यात्रा
अब कांग्रेस पार्टी मिशन रिपीट को लेकर मैदान में उतरने जा रही है। पार्टी पदयात्रा के माध्यम से भाजपा की रथ यात्रा की हवा निकालने की तैयारी में जूट गई है। पदयात्रा के दौरान पार्टी नेता व कार्यकर्ता हरेक मतदाता तक पहुंचने की रणनीति पर कार्य कर रही है ताकि उनकी नब्ज टटोली जा सकें। पच्छाद में 16 जुलाई से पदयात्रा शुरू होगी जो 20 दिन चलकर 4 अवस्त को समाप्त हो जाएगी। इसे लेकर कार्यकर्ताओं में खास जोश देखा जा रहा है। पूर्व विधायक गंगुराम मुसाफिर पदयात्रा की अगुआई करेंगे।
इससे पहले भाजपा ने परिवर्तन रथयात्रा चलाकर प्रदेश के मतदाताओं के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का प्रयास किया। भाजपा ने एक तरह से इस यात्रा के बहाने चुनावी बिगुल बजा दिया है। अब कांग्रेस ने इसका तोड़ निकलते हुए भाजपा को जवाब देने की तैयारी की है। पच्छाद हल्के को गंवाने के बाद हालांकि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। संगठन में बिखराव के चलते एक एक कर पार्टी के जनाधार वाले नेता भाजपा की तरफ खिसक गई हैं। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ संयोजक एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ठाकुर तो पूर्व विधायक व योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगुराम मुसाफिर पर तानाशाह का आरोप लगा चूके हैं। उधर अब कांग्रेस नेता भी भाजपा में सेंधमारी की फिराक में हैं। पांच साल होने को हैं लेकिन अभी तक मुसाफिर अपने वरिष्ठ नेता नित्यानंद सेवल तक को नहीं मना पाए हैं। उनके लगभग सभी पुराने साथी अभी भी न जाने क्यों उनसे दूरी बनाए हुए हैं। बाकी की कसर रत्न कश्यप ने निकाल दी है। एकाएक कांग्रेस में रत्न कश्यप की सक्रियता कुछ ऐसी बढ़ी कि उन्होंने मुसाफिर को बाईपास कर सीधे दिल्ली दरबार में दस्तक देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर सभी को हैरत में डाल दिया। टिकट के दावेदार के तौर पर उभरे इस व्यक्ति ने कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी है। उन्होंने मुसाफिर से नाराज नेताओं को जोड़कर पच्छाद कांग्रेस को दोफाड़ कर दिया है। पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जोड़ने का ताना बाना बन रहे मुसाफिर अपने पुराने रुतबे को वापिस लाना चाह रहे हैं। अब देखना यह है कि वे इसमें कितने सफल होते हैं पदयात्रा के बाद ही इसका पता चल पाएगा। विधान सभा चुनाव नजदीक हैं इसे लेकर पच्छाद में दोनों दलों की सक्रियता बढ़ गई है।