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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में अवैध खनन का काला कारोबार अब प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे बेखौफ चल रहा है। शहर के बाल्द नदी क्षेत्र में खनन माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों और टिप्परों के जरिए धड़ल्ले से रेत और बजरी निकाल रहा है। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा अवैध कारोबार जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मात्र 150 मीटर की दूरी पर संचालित हो रहा है, फिर भी जिम्मेदार विभाग मौन साधे हुए हैं।
सनसिटी सोसायटी और सड़क पर मंडराया खतरा
बाल्द नदी में हो रहे इस अनियंत्रित खनन ने स्थानीय सनसिटी सोसायटी और उससे जुड़े सड़क मार्ग के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार नदी के किनारे लगातार हो रही खुदाई से जमीन कमजोर हो रही है। आशंका है कि भविष्य में सड़क धंसने, रिहायशी इलाकों को नुक्सान पहुंचने और बरसात के मौसम में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व इसी स्थान पर अवैध खनन के चलते करोड़ों रुपए का नुक्सान हो चुका है, लेकिन प्रशासन ने पुरानी घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई शून्य
सनसिटी सोसाइटी और आसपास के निवासियाें राजेश कुमार, अश्वनी गौतम, रजनीश, हरीश कुमार और राघव का कहना है कि रातभर खनन मशीनों की तेज आवाजें गूंजती रहती हैं, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इन्हाेंने आरोप लगाया है कि पुलिस, खनन विभाग और मुख्यमंत्री हैल्पलाइन नंबर 1100 पर कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। लोगों का कहना है कि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपियों की पहचान आसानी से की जा सकती है, लेकिन प्रशासन इच्छाशक्ति की कमी दिखा रहा है।
अधिकारी बाेले-रात के लिए हैल्पलाइन नहीं
इस मामले पर जिला खनन अधिकारी सोलन दिनेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा रात के समय औचक निरीक्षण किया जाता है और पुलिस भी समय-समय पर चालान करती है। हालांकि, उन्होंने अपनी लाचारी व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि सरकार की ओर से रात के समय शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई अलग हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया गया है, जिसके चलते कई बार त्वरित कार्रवाई करने में कठिनाई आती है।
क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का कर रहा इंतजार?
अब बड़ा सवाल यह है कि जब अवैध खनन एसपी कार्यालय के इतने करीब हो रहा है तो पुलिस और प्रशासन की नजरें वहां तक क्यों नहीं पहुंच पा रही हैं? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?












