(विजय ठाकुर)नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने औद्योगिक पैकेज के मुद्दे पर पूर्व यूपीए सरकार की जमकर आलोचना की। वीरवार को परिधिगृह हमीरपुर में पत्रकार वार्ता में धूमल ने कहा कि वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज का तोहफा दिया था, जो वर्ष 2013 में खत्म होना था।
यूपीए सरकार के सत्ता में आने के बाद इस पैकेज को वर्ष 2020 तक बढ़ाने की मांग की गई। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाने के बजाय तीन वर्ष पूर्व 2010 में ही खत्म कर दिया। पूर्व सीएम ने कहा कि उद्योगपतियों की इस मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया गया।
इसके चलते प्रधानमंत्री ने औद्योगिक पैकेज को वर्ष 2020 के बजाय 2027 तक कर हिमाचल को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। एनडीए सरकार ने न केवल औद्योगिक पैकेज बढ़ाया, बल्कि जीएसटी लागू होने के बावजूद 27 हजार 413 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।
इससे न केवल उद्योगपतियों को राहत मिली है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। भारत छोड़ो आंदोलन के दिन 9 अगस्त को प्रदेश सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई के कोटे की सीटों को मैनेजमेंट सीटों से भरने का छात्र विरोधी निर्णय लिया है।
जबकि पूर्व में अगर एनआरआई की सीटें खाली रह जाती थीं तो सामान्य दरों पर इन सीटों को भरा जाता था। लेकिन अब प्रदेश के बच्चों को एमबीबीएस करने के लिए कालेज प्रबंधन को मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ेगी।