नाहन से चंडीगढ़ की ओर जाने वाले एनएच पर वाल्मीकि मोहल्ले के समीप कबाड़ विक्रेता के कबाड़ में आग लग जाने से करीब 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। यह आग रविवार दोपहर करीब 2 बजे कबाड़ विक्रेता जगदीप कुमार के कबाड़ में लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुरू में आग सडक़ से नीचे की ओर ध्यान में रखे कबाड़ में लगी थी।
धीरे-धीरे इस थोड़ी सी आग ने कबाड़ में रखे टायरों व प्लास्टिक के सामान को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतना भयंकर रुप धारण कर चुकी थी कि नाहन शहर तक आग के धुएं का गुबार देखने को मिल रहा था। धुएं का गुबार देखने वालों ने सोचा कि शायद बड़ा चौक में कहीं आग लग गई है। लोग बड़ा चौक की ओर भाग रहे थे। तभी पता चला कि यह आग नीलकंठ सर्विस स्टेशन के समीप एक कबाड़ी के कबाड़ में लगी है। उसी मोहल्ले की रहने वाली अंजना नाम की एक स्त्री ने फायर ऑफिस में फोन करके सूचना दी, जिसके बाद दो फायर टेंडर मौके पर पहुंचे।
इस आगजनी से निपटने के लिए फायर टीम में अधिकारी मेहर सिंह, लीडिंग फायरमैन राजकुमार, फायरमैन पवन कुमार, सेक्शन लीडर लाल सिंह, चालक स्पीच व सहीराम एटीएफ और क्रश फायर टेंडर के साथ मौके पर डटे। हालांकि पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थी, मगर आग लगने के कारण फिलहाल नहीं पता चल पाया। फायर टीम के द्वारा 2 घंटे से भी ज्यादा की कड़ी मशक्कत के बाद इस भयंकर आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि इस आग से कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ है, मगर कबाड़ी के कबाड़ के जल जाने से करीब 3 से 4 लाख रूपए का नुकसान का आंकलन भी लगाया जा रहा है। आगजनी के दौरान एनएच पर फायर टेंडर आग बुझाने में डटे हुए थे। जिस कारण सडक़ के दोनों और कुछ समय के लिए ट्रैफिक जाम भी लगा रहा।
नजदीक ही दूसरे कबाड़ी का कबाड़ भी रखा हुआ था। मोहल्ले के लोगों ने अपनी टैंकिंया से पानी फेंक कर फैलती आग को काबू करने में अग्निशमन विभाग के साथ सहयोग भी किया। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी तादाद में जब प्लास्टिक व कबाड़ का सामान शहर के नजदीक रखा गया है, तो इन लोगों के द्वारा वहां पर अग्निशमन उपकरण क्यों नहीं रखे गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि मात्र कुछ कदमों की दूरी पर ही पेट्रोल पंप भी है। अब ऐसे में यदि कबाड़ में कोई विस्फोटक सामग्री होती, तो शायद एक बड़ी दुर्घटना भी घट सकती थी। पुलिस ने आगजनी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।