शिमला उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से मांग की है कि रोहड़ू के पास जंगल में एक गुफा में गम्भीर हालत में बेसहारा मिले नेपाली बुजुर्ग हरका बहादुर को तुरंत बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम में भेजा जाए। उसे रोहड़ू के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र चौहान व उनके साथियों ने गुफा से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया था।
एससी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक मामलों के निदेशक डॉ. एनके लठ को पत्र भेजकर प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि हरका बहादुर पिछले काफी समय से रोहडू के पास दरशाल के जंगल में बेसहारा हालत में गुफा बनाकर रह रहा था। उसकी इतनी दयनीय हालत थी कि वह गुफा से बाहर तक आने में असमर्थ था। वह गम्भीर रूप से बीमार और ठंड से ठिठुर रहा था। वन विभाग को यह जानकारी होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया ।
उन्होंने कहा कि गत 5 जनवरी को रोहड़ू के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र चौहान के अलावा स्थानीय ग्रामीणों राकेश ठाकुर, किरपा लाल और सुरेंद्र चौहान ने उसे बचाने की पहल की। उन्होंने 108 एम्बुलेंस बुलाई और बहुत मुश्किल से उसे गुफा से निकाल कर रोहड़ू के अस्पताल में भर्ती कराया। हरका बहादुर का ईलाज करने वाले डॉ रविन्द्र मुखिया ने बताया कि कि अस्पताल लाए जाने के समय उसकी हालत गंभीर थी। कुछ दिन और गुफा में रहने पर उसकी जान भी जा सकती थी। अब वह ठीक है और किसी वृद्धाश्रम में भेजे जाने लायक हालत में है।निदेशक डॉ एनके लठ ने कहा कि वे हरका बहादुर को बसंतपुर वृद्धाश्रम भेजने के लिए आदेश जारी करेंगे।