यू तो यदि किसी घरेलू उपभोक्ता पर हजार दो हजार का बिल बाकी रह जाता है तो बिजली बोर्ड के कर्मचारी मीटर का कनैक्शन काटने पहुंच जाते है और वही दूसरी ओर सरकारी महकमों पर सिर्फ नोटिस देकर पल्ला झाड लेते है। ऐसा पहली बार नही हो रहा है बीते कई दशकों से यही आलम चला आ रहा है। घरेलू उपभौक्ता तो मिन्नतें करता रह जाता है और बिजली बोर्ड के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैकडी दिखाते रहते है। और सरकारी महकमों पर विभाग के आला अधिकारियेां की एक नही चलती।
किस किस पर कितना बिल पेण्डिग है :—
हास्पीटल —— एक लाख उन्तालीस हजार पांच सौ तेतीस 1,39533
शिक्षा विभाग ——दो लाख तेईस हजार दौ सौ पिचानवे 2,23295
पुलिस —— एक लाख पांच हजार नौ सौ सात — 105907
राजस्व विभाग —— तीन बारह हजार नौ —— 312009
आईपीएच —— दो करोड अडसठ लाख तेतालीस हजार दौ सौ इक्कीस — 2,68,43,221
वन विभाग — उन्न्चास हजार छै सौ सत्तानवे —— 49697
आवकारी एवं कराधान विभाग — पचास हजार तीन सौ इकसठ —— 50361
इस बारे में जव एसडीओ मि0 नेगी से बातचीत की गयी तो उन्होने पुष्टि करते हुए बताया कि बार बार नोटिस दिये जा चुके है किन्तु महकमे के लोग बिल का भुगतान नही कर रहे है।
वही दूसरी ओर इस बारे में आवकारी विभाग शिक्षा विभाग व अन्य विभागो के विभागाध्यक्षो से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो किसी ने भी सन्तुष्टिपूर्ण जवाब नही दिया और एक दूसरे के गोल में बाल फैकते नजर आये वही शिक्षा विभाग तोएक दम चुप ही हो गया आफिस में बैठी महिला से बातचीत की गयी तो बताया कि अभी साहब है नही ट्रेजरी तक गये है वही आवकारी विभाग ने साफ मना कर दिया कि हमारे पास कोई बिल पेण्डिग नही है कोई और ईटीेओ देखता होगा हमें नही पता। वही क्लेरीकल स्टाफ भी पानी पर मलाई जमाने की फिराक में दिखा।