(जसवीर सिंह हंस ) स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने सोलन जिले के दाड़लाघाट के समीप 108 एंबुलेंस (एचपी-63-4288) को अचानक रोककर स्वयं भीतर जाकर देखा तो वह हैरान रह गए। एंबुलेंस में आवश्यक जीवनरक्षक सुविधाएं न होने का परमार ने कड़ा संज्ञान लेते हुए एंबुलेंस संचालन कंपनी जीवीके के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने पूछा कि क्यों न कंपनी के टेंडर रद किए जाएं।
निरीक्षण के वक्त इसमें कोई भी मरीज नहीं था और चालक ने मरीज को अस्पताल पहुंचाकर वापस आने की बात कही।हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि इससे एक दिन पहले ही 108 सेवाओं की समीक्षा के दौरान उन्हें बताया गया था कि वाहन में 31 जैनरिक दवाएं, ए ऑक्सीजन के दो सिलेंडर तथा तीन स्ट्रेचर उपलब्ध रहते हैं, जबकि मौके पर कुछ एक इन्जेक्शन को छोड़कर वाहन में कोई भी दवा नहीं थी और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर था।
केवल छोटे-छोटे दो स्ट्रेचर पड़े थे। यहीं नही गंभीर दुर्घटना की स्थिति में वाहन में 21 औजार उपलब्ध होने की बात भी उन्हें बताई गई थी, लेकिन वाहन में कोई ऐसा उपकरण नहीं था और वाहन में धूल भी जमी थी। परमार ने 108 एंबुलेंस राष्ट्रीय सेवा की खराब हालत और इसमें सुविधाओं की कमी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विशेष सचिव स्वास्थ्य को दूरभाष से एंबुलेंस संचालन कम्पनी जीवीके के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को भी कहा है।