आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिये हर संभव प्रयास करें अधिकारी : वनमंत्री

वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मन्त्री गोविन्द सिहं ठाकुर ने आज यहां कहा कि तापमान में अचानक वृद्धि होने व वातावरण में नमी की कमी के कारण जंगलों में आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। बिलासपुर, धर्मशाला, मण्डी व शिमला वृत में आग की अधिक घटनाओं की रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मार्च 2018 के बाद से प्रदेशभर में छोटी-बड़ी 641 वन अग्नि की घटनाएं घटी हैं।

वनमंत्री ने कहा कि इस वर्ष वन विभाग ने मार्च माह में वन अग्नि को लेकर प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया था, जिसके कारण इस वर्ष लोगों से वनों की आग बुझाने जैसे कार्यों में अधिक सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान के फलस्वरूप इस वर्ष लगभग साढ़े नौ हजा़र व्यक्ति भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून की बेबसाइट से जुड चुके हैं, जिन्हें उनके क्षेत्र में वन अग्नि की घटनाओं की सूचना मिल रही है। वन विभाग ने वन अग्नि सम्बन्धी सूचना देने के लिए एक टोल फ्री नं0 भी शुरू किया है। ऐसे ऐतिहाति उपायो से इस वर्ष गत वर्षां की अपेक्षा आग की सूचना तुरन्त सम्बन्धित कर्मचारियों एवं स्थानीय लोगों को मिल रही है। सूचना मिलने के कारण वन-अग्नि नियन्त्रण दस्ता तुरन्त वन अग्नि घटनास्थल तक पहुंच रहा है तथा स्थानीय लोगों के सहयोग सेवन अग्नि को जल्दी काबू किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान वन अग्नि सम्बन्धी पूर्व-चेतावनियां भी दे रहा है, जिसके कारण कर्मचारियों को पहले ही तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन कर्मियां को सूचना के आदान-प्रदान हेतु अप्रैल से जून माह तक के मोबाईल फोन भत्ता दिया जा रहा है तथा कर्मचारियों को आग बुझाने वाले क्षेत्र में शीघ्र पहुंचने के लिये टैक्सी का खर्चा अथवा निजी वाहन प्रयोग करने पर भŸा भी प्रदान किया जा रहा है

वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में लगभग 400 फॉयर वाचर भी इस कार्य के लिए लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वन अग्नि नियन्त्रण एवं प्रबन्धन हेतु केन्द्रीय परियोजना में केन्द्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रेदश को 1.75 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं और इस वर्ष सेवन अग्नि प्रबन्धन हेतु प्रदेश सरकार ने नई परियोजना आरंभ की है, जिसमें वन अग्नि के प्रबन्धन कार्यों के लिए राज्य सरकार एक करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय करेगी।

श्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार वन अग्नि के प्रति संवेदनशील है तथा ऐसी घटनाओं के कारण कम से कम क्षति हो, इसके लिए वन अधिकारियों को हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता से आग्रह किया कि तापमान में वृद्वि तथा भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, वन अग्नि की रोकथाम एवं नियन्त्रण में वन विभाग का खुले दिल से सहयोग करें।

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