हिमाचल प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ सरकार कि सेवानिवृत अध्यापको को पुनःनियुक्ति देने का पुरजोर विरोध करता है। सरकारी पाठशालाओं में अध्यापकों कि कमी को दुर करने के लिये सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति देना बहुत हास्यास्पद हैं। क्योंकि आज के दौर में बहुत से बेरोजगार साथी इन पोस्टो के लिये योग्य है।
शिक्षा विभाग प्रतिदिन इस तरह के सुझाव सरकार को देता है । जिनका जमीनी स्तर पर कोई औचित्य नही है। अगर पाठशालाओं में अध्यापको कि पोस्टे खाली हो रही है तो इनको भरने कि किस कि जिम्मेवारी है । सरकार के
पास भर्ती करने कि दो दो एजंसीस है जिनका काम विभिन्न विभागों मेंखाली पोस्ट को भरना है। सरकार अगर लगातार अध्यापको के खाली पद भरती तो शायद आज कि स्थिति नही बनती । हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व प्रधान भूपेंद्र ठाकुर तथा वर्तमान प्रधान अश्विनी ठाकुर के संयुक्त ब्यान जारी कर इस मामले में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षको कि दोबारा नियुक्तियां कितनी सार्थक सिद्व होगी। क्योंकि आज के समय में प्रतिस्पर्धा का युग है हिमाचल प्रदेश में कितने ही नौजवान टेट कि परीक्षा अध्यापक बन ने के लिये देते है उसी से पढे लिखे बेरोजगारो कि संख्या का पता चलता है।
शिक्षा विभाग तथा सरकार को नई पोस्टे भेरने के लिये हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन कमीशन से निक कर सभी श्रेणी कि अध्यापको कि भर्तीयां करनी चाहिये जिससे बेरोजगारो का भला होगा तथा सभी को नौकरी पाने के लिये बराबरी का मौका मिलेगा । संघ का कहना है कि इस तरह कि भर्ती या पीरियड बेस भर्ती को बेरोजगार नौजवानो के अधिकार पर कुठाराघात है। विभाग को जल्दी से जल्दी खाली पोस्टो का खाका बना के हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर भेज ताकि नये खाली पदों पर अध्यापक नियुक्त किये जाये ।