( धनेश गौतम ) मनाली के समीप रात के अंधेरे में बादल फटने से तबाही मची है। घटना में लोगों ने रात को ही भाग कर जान बचाई जबकि लाखों की सरकारी व गैर सरकारी संपति का नुकसान हुआ है। वाहनों के अलावा पुल, सड़कें, पेयजल सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई है। कुल्लू नेशनल हाइवे के बरान नाले में बादल फटने से 5 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
रात करीब 3 बजे अचानक नाले में जोर-जोर की आवाज सुनाई देने से ग्रामीण समझ गए कि नाले में बाढ़ आ गई है। बाढ़ से बरान, डोभा की ओर 18 मील में हडक़ंप मच गया। नाले किनारे रह रहे ग्रामीणों ने घर छोड़ कर पड़ोसियों के घरों में शरण ली। गांव की ओर पानी आता देख ग्रामीणों ने नाले में जाकर पत्थर डालकर पानी के बहाव को नाले की ओर मोड़ा।
बाढ़ से आए मलबे ने नेशनल हाइवे का करीब 100 मीटर स्ट्रेच दबा दिया है। बरान गांव के लोग जागते रहे और सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। जहां बाढ़ से गांव की सडक़ जगह से बह चुकी है वहींए सडक़ों पर खड़े वाहन भी बह गए हैं और कुछ लोगों की जमीन का हिस्सा भी बाढ़ में बह गया है।
गांव के लोगों में बाढ़ का खौफ समाया हुआ है और बरसात के मौसम में अब वे यहां रहने से डर रहे हैं। दूसरी ओर बाढ़ से नेशनल हाइवे का 100 मीटर भाग में पत्थर और मलबा आने से रात से ही यातायात अवरूद्ध हो गया था और सुबह 11 बजे मलवा और चट्टानें हटा यातायात बहाल कर दिया गया है। ग्रामीण सुरेशए पन्ना लाल और विकास ने बताया कि इलाके में 1 बजे के बाद बारिश बिल्कुल बंद थी। उन्होंने करीब पौने 3 बजे रात को नाले में बाढ़ की आवाज सुनी। बरान गांव में 5 गाडियां भी बह गई हैं और नाले के साथ रहने वाले लोग मकान खाली करके सुरक्षित जगह चले गए हैं। इन ग्रामीणों ने बताया कि बरान और डोभा का संपर्क मार्ग जगह-जगह टूट गया है और गांव के रास्ते भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया कि बरान नाले में बादल फ टने से किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन 5 गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है और बंद पड़े कुल्लू-मनाली नेशनल हाइवे को भी बहाल कर दिया गया है।
क्या क्या हुआ नुकसा 5 से अधिक वाहन मलवे में वह गए। इसके अलावा 6 छोटे बड़े पुल भी भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गए। ब्रान में पानी की कूहलए पेयजल योजनाएं सिंचाई योजनाएंएरास्ते एलोनिवि सड़क मार्गए ब्राह्मण बेहड़ पंचायत सड़कएलोगों के घराट आदि भी बह गए हैं।