(धनेश गौतम ) बादल फटने के बाद हुए भारी नुकसान के चलते हुए प्रभावित लोगों को दिए मुआवजे में भाई भतीजा वाद नहीं होना चाहिए। कटागला रशोल में कई पात्र प्रभावितों को नुकसान होने के बाद मुआवजा नहीं मिला है। यह बात पूर्व बीडीसी सदस्य ओम शंकर ने कही। उन्होंने कहा कि गत दिनों कटागला, रशोल व छलाल में बादल फटने से आई बाढ़ से तबाही मची है।
यहां के गांव पूरी तरह से उजड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यहां के प्रभावितों को फौरी राहत के तौर पर मुआवजा भी दिया है लेकिन इसमें कुछ लोगों को छोड़ दिया गया है। कुछ लोगों को प्रभावितों की सूचि में ही शामिल नहीं किया गया जबकि उनका इस घटना में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि रशोल गांव के कीरत राम, लुदर चंद व मिथुन के पक्के मकान पूरी तरह डैमेज हुए हैं जबकि वीर सिंह, लाल चंद व मदनलाल के घराट इस बाढ़ में बह गए हैं लेकिन इन लोगों को प्रभावित की सूचि में ही नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की टीम को सही ढंग से गांव में आकर आकलन करना चाहिए। उन्होंने जिलाधीश कुल्लू से गुहार लगाई है कि उपरोक्त लोगों को भी प्रभावितों की सूचि में शामिल किया जाए और राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन करवाया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के 4 सितंबर के दौरे से पहले इन लोगों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। अन्यथा मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की जाएगी।
गौर रहे कि गत दिनों बादल फटने से मणिकर्ण घाटी का कटागला गांव पूरी तरह से उजड़ गया है जबकि रशोल व छलाल में भी भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद प्रभावितों को फौरी राहत दी गई है। लेकिन इसमें कुछ पात्र लोगों को शामिल न करने की शिकायत आ रही है। उधर 4 सितंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रभावित गांव का दौरा करने जा रहे हैं और लोगों को आशा है कि मुख्यमंत्री यहां के लोगों को कोई बड़ी घोषणा करेंगे।