( धनेश गौतम ) पूर्व सरकार के दौरान जिस विस क्षेत्र में विकास की गंगा बहती रही वही विधानसभा क्षेत्र आज विकास के लिए तरस रहा है। यह विधानसभा क्षेत्र है बंजार विधानसभा क्षेत्र जहां के विकास को ग्रहण लग गया है। बदलाव सिर्फ कागजों व भाषणों में ही हो रहा है जबकि धरातल पर विकास सिफर है। मजेदार बात यह है कि आज बंजार में भाजपा के ही लोग अपने विधायक व अपनी सरकार पर उंगलियां उठाने लगे हैं।
पूर्व सरकार द्वारा शुरू किया गया विकास थमने के बाद अब लोग अपनी जुवान को लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। उस दौरान जिस विकास पर भाजपा ने चुनाव लड़ा था और जिन मुद्दों को उछाला था उन मुद्दों पर काम होना तो दूर की बात बल्कि वे मुद्दे विकराल रूप धारण कर रहे हैं जिस कारण अब लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है और सरकार व स्थानीय नेतृत्व की पोल खोलना शुरू कर दी है।
अब लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं कि बंजार में बदलाव सिर्फ कागजों में हो रहा है। बंजार के स्थानीय निवासी भाई लाल जो भाजपा पृष्ठ भूमि से ही जुड़े हुए हैं और चुनावों के दौरान भाजपा के लिए वोट मांगते नहीं थके ने ही अब अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाई लाल का कहना है कि सड़क के गड्ढे तब भी थे, अब भी हैं। अस्पताल में डॉक्टर तब भी नहीं थे और अब भी नहीं हैं। विद्यालय में अध्यापक तब भी नहीं थे, अभी भी नहीं हैं। फिर यह बदलाव कहां छुपा है। बदलाव क्या मायावी है।
उनके अनुसार बंजार में नेतृत्व कमजोर है और बाकी हिमाचल में कार्य तेजी से हो रहा है। इसके अलावा भाई लाल का समर्थन अन्य लोग भी कर रहे हैं। भाई लाल जो मूलत: आरएसएस से जुड़े हैं ने आजकल सोशल मीडिया में सरकार खासकर बंजार के नेतृत्व को खूब घेरकर रखा है। वहीं, प्रशांत शर्मा का कहना है कि यह भी जुमलेबाजी है। कृष्ण लाल शर्मा कहते हैं कि मेरा मनरेगा के टैंक का काम पांच महीने से चल रहा है। जिसकी जिओ टैकिंग नहीं हो रही है। कभी कार्यालय में सहायक नहीं तो कभी बी डी ओ नहीं।
लोगों ने अब सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं कि जिन मुद्दों पर चुनाव लड़े थे वे सारे हवा हवाई हुए हैं। वादा किया गया था कि सब्जी मंडी का निर्माण तुरंत होगा यह मुद्दा भी हवा हवाई हो गया है। टैक्सी स्टेंड निर्माण तुरंत व बंजार वाईपास तुरंत मुद्दे भी हवा में लटक गए हैं। चुनाव के दौरान डॉक्टरों की कमी को लेकर तत्कालीन विपक्ष ने सता पक्ष को घेरा था लेकिन अब वे घेराव करने वाले लोग सता में है और डॉक्टर आज भी अस्पतालों में नहीं हैं। उस समय कुछ डॉक्टर तो थे आज वे भी नहीं हैं। अग्रिशमन व बसें बढ़ाने के मुद्दे पर भी काम नहीं हो रहा है।
इसके अलावा जनता ने सवाल उठाए हैं कि बंजार में प्रशासन तंदरूस्त नहीं हैं, ठीक करने का कोई समाधान है तो बता दो। लोग इसका समाधान विधायक का घेराव करने का दे रहे हैं। डोला सिंह महंत का कहना है कि सारे कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। बंजार की जनता बेहाल है और अब विधायक का घेराव करना ही पड़ेगा। गौर रहे कि पूर्व में तत्कालीन सरकार के मंत्री कर्ण सिंह ने बंजार में अथाह विकास किए हैं। बाबजूद इसके विपक्ष ने कुछ ऐसे मुद्दों को सामने लाया था और जनता से वादा किया था कि नई सरकार
बनते ही इन मुद्दों पर काम किया जाएगा। लेकिन नई सरकार को बने हुए पांच माह बीत चुके हैं लेकिन बंजार का विकास पूरी तरह से ठप्प पड़ गया है। जिस कारण यहां के लोग अब चिंतित हैं। विपक्ष के लोग जहां मजे ले रहे हैं वहीं, सता पक्ष के लोग भी अपनी सरकार के खिलाफ होने को मजबूर हो गए हैं। बंजार के लोगों को उम्मीद थी कि स्थानीय विधायक चुनकर उनके काम पूर्व सरकार के मंत्री से अधिक होंगे लेकिन वर्तमान में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जिस कारण लोग आक्रोश में आ चुके हैं।