जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सोलन मोहित बंसल की अध्यक्षता में नालागढ़ उपमण्डल की ग्राम पंचायत बवासनी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
मोहित बंसल ने शिविर में लोगों से आग्रह किया कि न्यायालयों के बाहर विभिन्न लम्बित मामलों के निपटारे में लोक अदालतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोक अदालतों में मामलों के सौहार्दपूर्ण हल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों को विधिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अन्तगर्त विधिक मान्यता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के सालाना एक लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्ति निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कानून के तहत महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोग निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान में भारत के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं तथा विभिन्न प्रावधानों के द्वारा यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि संविधान का पालन हो।मोहित बंसल कहा कि भ्रूण हत्या एक अपराध है तथा दोषी व्यक्ति एवं लिंग जांच करने वाले चिकित्सक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होेंने लोगों को इस विषय में कानून की धाराओं की पूरी जानकारी प्रदान की।
अधिवक्ता मुनीष डढवाल ने उपभोक्ताओं के अधिकार, मोटर वाहन अधिनियम एवं पर्यावरण संरक्षण से संबंधित नियमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम की जानकारी देते हुए कहा कि इस अधिनियम के तहत गाडि़यों का बीमा होना अनिवार्य है। अधिवक्ता विवेक कौशल ने मुआवजा योजना, घरेलू हिंसा अधिनियम तथा अन्य अधिनियमों की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर नालागढ़ के श्रम निरीक्षक ने लोगों को श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।