बिलासपुर में प्रशासन अवैध निर्माण व कब्जों को हटाने में उड़ा रहा उच्च न्यायालय के आदेशों कि धज्जिया

बिलासपुर में जिला प्रशासन के द्वारा अवैध निर्माण व कब्जों को हटाने के प्रति उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना का मामला आया प्रकाश में ,जिला प्रशासन दिखावे के लिए उच्च न्यायालय को अवैध निर्माणों व  कब्जों को हटाने के प्रति धन कुबेरों पर हाथ डालने की अपेक्षा गरीब लोगों के हटाता है खोखे ,मिली भगत से धनकुबेर सरकारी भूमि पर  अवैध भवन बनाकर किराए पर चढ़ा कूट रहे हैं चांदी वहीँ दूसरी ओर अवैध निर्माण ,कब्जों से पीड़ित लोगों को अपनी किस्मत पर बहाने पड़ रहे हैं खून के आँसूं।

 

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बिलासपुर शहर में अवैध निर्माण एवं अवैध कब्जों के दृश्य व पीड़ित कुलदीप चंदेल के द्वारा उच्च न्यायालय को प्रेषित पत्राचार व उच्च न्यायालय के द्वारा जिला प्रशासन को अवैध निर्माण को हटाने के आदेशों के चित्र एवं दृश्य।

बिलासपुर में जिला प्रशासन के द्वारा अवैध निर्माण व कब्जों को हटाने के प्रति उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना का मामला प्रकाश में आया है।  जिला प्रशासन दिखावे के लिए उच्च न्यायालय को अवैध निर्माणों  व  कब्जों को हटाने के प्रति धन कुबेरों पर हाथ डालने की अपेक्षा गरीब लोगों के अधिकतर खोखे हटाता है। गौरतलब है कि बिलासपुर शहर में एक नहीं मगर दर्जनों ऐसे मामले हैं जिनमें उत्तरदाई अधिकारियों से  मिली भगत कर  धनकुबेर सरकारी भूमि पर  अवैध भवन बना किराए पर चढ़ा कूट रहे चांदी हैं मगर इसके विपरीत  वहीँ दूसरी ओर अवैध निर्माण  व अवैध कब्जों से पीड़ित लोगों को अपनी किस्मत पर विवशता के कारण  खून के आँसूं बहाने पड़ रहे हैं

क्योंकि अवैध  कब्जाधारी पीड़ितों को हमेशा दबंग तरीके से परेशान करने व डराने -धमकाने से बिलकुल भी गुरेज करने से बाज नहीं आते हैं उन्हें  मालुम है कि उनकी पहुँच के आगे सब कुछ बौना है।   बिलासपुर शहर के रौड़ा सैक्टर  निवासी कुलदीप चंदेल ने जारी प्रेस ब्यान में जानकारी दी है  कि वह खुद अवैध कब्जाधारी पड़ोसी की दबंगता से बेहद परेशान हैं जिसके प्रति उन्होंने जिलाधीश से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्राचार कर न्याय की गुहार लगाई मगर धरातल पर अवैध निर्माणों को हटाने के प्रति कोई भी सकारात्मक कदम उठाना प्रशासन ने उचित नहीं समझा। .

कुलदीप चंदेल ने पूरी बेबश – लाचार व पंगु  व्यवस्था से हार कर इसी वर्ष 19 जून को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को न्याय के लिए पत्र लिखा कि निर्धन रेहड़ी -फड़ी को हटाने की अपेक्षा बड़े धनकुबेर रूपी अवैध कब्जाधारियों के अवैध भवनों को पहले हटाया जाए  वहीँ दूसरी ओर इस संदर्भ में उच्च   न्यायालय ने सकारत्मक कदम उठाते हुए बिलासपुर जिलाधीश 3 जुलाई  को तुरंत बड़े अवैध भवन निर्माणों को हटाने के प्रति कार्यवाही करने के आदेश जारी किए मगर बड़े दुःख का विषय है  कि जिलाधीश बिलासपुर ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आदेशों को दरकिनार करते हुए इस संदर्भ में  तेईस जुलाई को  एसडीएम बिलासपुर को पत्र जारी कर  कार्यवाही करने के आदेश दिए। यह मामला  प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है

क्योंकि जिलाधीश के आदेशों के उपरान्त एडीएम बिलासपुर ने अवध कब्जा धारकों के विरुद्ध कार्यवाही अम्ल में लाने के प्रति  तीन अगस्त को तसहीलदार सदर बिलासपुर को कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं मगर धरातल पर तीन महीने बीत जाने के उपरान्त भी  प्रशासन ने मात्र हुछ खोखों को हटाने के अलावा कोई भी पक्का अवैध भवन निर्माण सरकारी भूमि से उठाना उचित नहीं समझा।

पीड़ित कुलदीप चंदेल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से एकबार  पुनः आग्रह किया है कि शीघ्र सरकारी भूमि पर से उन अवैध भवन निर्माणों व अवध कब्जों को अतिशीघ्र हटाया जाए जिनसे उनके समीप रहने वाले वर्षों से परेशान  आम जनता को और अत्याधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े अगर इस संदर्भ  में शीघ्र प्रदेश सरकार ने बिलासपुर जिला प्रशासन को धरातल पर सकारात्मक कदम उठाने के आदेश जारी नहीं किए तो विविश होकर जिला प्रशासन के द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्याधीश के आदेशों की अवमानना के प्रति अवैध कब्जाधारकों से परेशान बिलासपुर की आम जनता को न्याय प्राप्ति के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा जिसके प्रति प्रदेश सरकार व जिलाप्रशासन उत्तरदाई होगा।

 

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