हिमाचल में भी मंडराया ब्लू ब्हेल गेम का खतरा

(विजय ठाकुर)100 से अधिक मौते हो चुकी है इस गेम से दुनिया में ।

आजकल भारत में ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल ने अब हिमाचल में भी पैर पसार लिए हैं। यह पिछले काफी समय से भारत में चर्चित है। लगभग 50 दिन तक चलने वाले इस खेल में खिलाड़ी को 50 टास्क् करने होते हैं, जिनमें से कई में खुद को नुकसान भी पहुंचाना होता है। इस खेल के आखिर में खिलाड़ी को सुसाइड करना होता है। इस पूरे खेल के दौरान खिलाड़ी को अपने सभी कारनामों के वीडियो बनाकर उस ‘व्हेल’ या इंस्ट्रक्टर को भेजने होते हैं जो अभी तक उसे इंस्ट्रक्ट करता रहा हो। दुनिया भर में इस चैलेंज की वजह से लगभग 100 से ज्यादा लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। भारत में भी कई युवा इसके चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

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अब हिमाचल के जिला सोलन के एक निजी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे इस गेम के जाल में फंस कर अपने बाजुओं पर ब्लेड से कट मार कर ब्लू व्हेल की आकृति बनाने की कोशिश कर चुके हैं। इस घटना से बच्चों के परिजनों में दहशत का माहौल है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे कैसे इस मौत के खेल से अपने बच्चों को निकालें। परिजनों को इस बात पता तब चला जब उनके बच्चे स्कूल से घर पहुंचे और तभी उनकी नजर उनकी बाजू पर पड़ी। जब उन्होंने इस बारे में गंभीरता से पड़ताल की तो कुछ ही देर में ब्लू व्हेल गेम की हकीकत सामने आ गई, जिसे जानकर परिवार के सदस्य हैरान रह गए।

एक वच्चे के परिजनों ने बताया कि उनके बेटे के पास कोई मोबाइल नहीं है, लेकिन वह अपने  दोस्तों के मोबाइल या साइबर कैफे में जाकर यह जानलेवा गेम खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह खुलासा उनके बेटे ने किया है। उसने बताया कि उसकी तरह और बच्चे भी यह गेम खेल रहे हैं। बच्चों के परिजनों ने जिला प्रशासन और स्कूल से अपील की है कि विद्यार्थियों पर स्कूल में पैनी नजर रखी जाए और कंप्यूटर की क्लास में उन पर इंटरनेट के इस्तेमाल पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जाए।

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