सामाजिक बुराईयां समाप्त करने के लिये सोच में बदलाव की जरूरतः मुख्यमंत्री

( जसवीर सिंह हंस ) मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज अपने सरकारी आवास ‘ओक ओवर’ से ‘महिला सुरक्षा पर लघु पुस्तिका’ का विमोचन किया। शिमला जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई इस  पुस्तिका में सामान्यतः महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों का विवरण, अपराध घटित होने पर महिला द्वारा की जाने वाली आवश्यक कार्रवाई, पीड़ित महिला को प्राप्त अधिकार व सुविधाएं, आत्मसुरक्षा के उपाया व कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिये आवश्यक दूरभाष नम्बर तथा ऐप इत्यादि की सूचना का समावेश किया गया है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर के विभिन्न सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों की छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में व्यापत बुराईयों को दूर करने के लिये जागरूकता के साथ-साथ सोच में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हम प्रत्येक क्षेत्र में विकास की नई-नई उंचाईयों को हासिल कर रहे हैं, लेकिन यह चिंताजनक है कि प्रतिदिन कहीं न कहीं कोई न कोई अपराधिक घटना भी सामने आ जाती है। विकास के साथ चुनौतियां एक सभ्य समाज के निर्माण में बाधा हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं समाज के प्रत्येक क्षेत्र में ऊंचे से ऊंचे मुकाम तक पहुंच चुकी हैं और इसके बावजूद महिलाओं के प्रति आपराधिक घटनाएं होना व्यक्ति की विक्षिप्त मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सक्षम हैं और विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकती हैं, लेकिन इसके लिये उन्हें जागरूक होना आवश्यक है।

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मुख्यमंत्री ने गुडिया प्रकरण का ज़िक्र करते हुए कहा कि हिमाचल जैसे शांतिप्रिय राज्य में इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया था। यह एक ऐसी घटना थी, जिसकी चर्चा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई और गुडिया के लिये न्याय का आज भी इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरी समझते हुए ‘गुडिया हैल्पलाईन-1515’ तथा ‘शक्ति बटन ऐप’ की शुरूआत करने जैसे अनेक प्रभावी कदम उठाए। उन्हांने कहा कि गुडिया हैल्पलाईन के माध्यम से एक माह के भीतर सरकार को 200 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और उनपर आवश्यक कारवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और इस दिशा में कार्य कर रही हैं ताकि महिलाओं के साथ इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन और महिला थाने खोले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की तस्करी एवं प्रयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने के लिये कड़ी सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के आस-पास नियमित निगरानी की जानी चाहिए।  मुख्यमंत्री ने पुस्तिका के प्रकाशन के लिये जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों व सुरक्षा उपायों की जानकारी प्राप्त होगी तथा महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्राप्त करने व उनके विरूद्ध होने वाले अपराधों में कमी आएगी।

शिक्षा मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज ने राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के कल्याण तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिये किये जा रहे उपायों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई पुस्तिका महिलाओं को उनके अधिकारों तथा सुरक्षा के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होगी।शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि पुस्तिका को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित किया गया है और इसके अलावा दृष्टिबाधित कन्याओं के लिये ब्रेल लिपि में भी तैयार की गई है।

पुस्तिका की 1000 प्रतियां जिला के सभी कन्या विद्यालयों, 9वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली छात्राओं, कामकाजी महिलाओं व कालेज तथा विश्वविद्यालयों में भी वितरित किया जाएगा। इस संबंध में प्रेस व मीडिया से सुझाव देने का भी आग्रह किया गया है ताकि आगामी संस्करण में सम्मिलित किया जा सके। अतिरिक्त उपायुक्त देवा श्वेता बनिक ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. शिशु धर्मा, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कश्यप, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा मनमोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

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