मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, जो नई दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर हैं ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को लेकर विभिन्न मंत्रालयों से समन्वय स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने आज नई दिल्ली में बताया कि हिमाचल प्रदेश को भारत सरकार द्वारा 1131.87 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं स्वीकृत की गई है।
इन योजनाओं में जल संरक्षण के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा 708.87 करोड़ रुपये, 423 करोड़ रुपये की बागवानी विभाग के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश समेंकित मशरूम विकास परियोजना शामिल है। दोनों परियोजनाएं भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को जल संरक्षण की पहल के माध्यम से दोगुना करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के लिए 4751.24 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाली परियोजना तैयार की है। परियोजना के प्रथम चरण में 708.87 करोड़ रुपये का होगा। इस परियोजना के अन्तर्गत चैकडेमों का निर्माण, कुंओं, कुहल तथा अन्य जल संरक्षण के ढांचे तैयार किए जाएंगे। दोनों परियोजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा पिछले तीन महीनों में तैयार की गई है तथा केन्द्र सरकार द्वारा इनकी स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि 423 करोड़ रुपये की समेंकित खुम्ब विकास योजना प्रदेश के बागवानी समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगी। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल किसानों की आय को दोगुना करने परन्तु युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों के लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मशहूर कार्यक्रम ‘मन की बात’ में हिमाचल प्रदेश में मशरूम की खेती का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सक्रिय सहयोग से इस महत्वाकांक्षी परियोजना से प्रदेश में मशरूम की खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के अन्तर्गत मशरूम की सभी किस्मों को उगाए जाने के अतिरिक्त मशरूम खेती का उच्च ज्ञान भी प्राप्त किया जाएगा, जो प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना प्रदेश के किसानों को उनके खेती पद्वति में विविधता लाने में भी सहायक सिद्ध होने के साथ-साथ खेती को लाभप्रद व्यवसाय बनाने में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा कि मशरूम खेती से महिला सशक्तिकरण में भी सहायता मिलेगी और अधिक से अधिक महिलाएं मशरूम खेती के लिए प्रोत्साहित होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे मशरूम खेती में शामिल होकर आत्म निर्भर भी बनेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के साथ-साथ राज्य के बाहर मशरूम की बढ़ती मांग बड़े पैमाने पर खेती करने के लिए बेहतर संभावनाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि वर्षभर मशरूम की खेती के लिए प्रस्तावित परियोजना के तहत आधुनिक आधारभूत संरचना विकसित की जाएगी। बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।