( जसवीर सिंह हंस ) शिमला नागरिक सभा ने दलित नेता,समाजसेवी व माननीय हाई कोर्ट के अधिवक्ता केदार सिंह जिन्दान की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है व प्रदेश सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। नागरिक सभा ने इस हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि इस हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने की कोशिश की जा रही है ताकि दोषियों को बचाया जा सके। उन्होंने प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश से अपील की है कि वह इस मामले का स्वतः संज्ञान लें क्योंकि यह उनके न्यायालय में कार्यरत एक अधिवक्ता से जुड़ा मामला है जिस पर समाज में प्रभावशाली लोगों के दवाब में पुलिस लीपापोती कर सकती है क्योंकि पुलिस की पुरानी कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन को चेताया है कि अगर दोषियों को बचाने की कोशिश की गई तो सभी समाजसेवी व दलित संगठन मिलकर सड़कों पर उतर आएंगे।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि केदार सिंह जिन्दान की हत्या से एक बार पुनः स्पष्ट हो गया है कि दलितों पर अत्याचार चरम पर हैं। समाज के प्रभावशाली तबकों की गलत कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाने पर दलितों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। केदार सिंह जिन्दान पिछले कई वर्षों से अपनी सामाजिक गतिविधियों व कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से दलितों की समस्याओं को उठा रहे थे व इस से सामाजिक रूप से प्रभावशाली लोगों को काफी परेशानी थी। उनसे कई बार मार पिटाई की गई व कई बार पहले भी उन पर जानलेवा हमले हुए। जिन्दान व दलित समुदाय से सम्बन्धित अन्य कई व्यक्ति दलितों पर हो रहे अत्याचारों को पुलिस प्रशासन व सरकारों के समक्ष कई बार उठा चुके थे परन्तु पुलिस व सरकारों ने कभी भी दलितों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जिस से दलितों पर अत्याचार करने वालों के हौंसले दिन प्रतिदिन बढ़ते गए।
विजेंद्र मेहरा ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि जब उसे केदार जिन्दान पर लगातार हमलों की जानकारी थी तो फिर उसने उन्हें सुरक्षा क्यों मुहैय्या नहीं करवाई। पुलिस प्रशासन की लापरवाही से एक समाजसेवी को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए व दलितों पर बढ़ते हमलों को रोका जाए। दलितों पर अत्याचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाए।