हिमाचल प्रदेश के मुख्य द्वार बिलासपुर में आगंतुकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा पूर्ण सजगता और सक्रियता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। यह जानकारी पुलिस अधिक्षक अशोक कुमार ने देते हुए कहा कि पर्यटन सीज़न के चलते किरतपुर, मनाली मार्ग व अन्य पर्यटन स्थलों के लिए आने व जाने वाले पर्यटकों के वाहनों तथा सीमेंट की ढुलाई करने वाले ट्रकों व सामान्य यातायात के कारण किसी भी व्यक्ति विशेष को जाम की वजह से किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े |
इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न स्थलों पर सक्रियता से जहां वाहनों का निरीक्षण किया जा रहा है वहीं बिलासपुर की आरम्भिक सीमा से अंतिम सीमा तक पांच ट्रैफिक मोबाईल यूनिटों के माध्यम से यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाया जा रहा है। जिसमें गरामौड़ा से गम्भर, गम्भर से कल्लर, कल्लर से नौणी और नौणी से घाघस तथा घाघस से स्लापड़ तक यातायात पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी पांच टीमों के रूप में यातायात मोबाईल यूनिटों के माध्यम से अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार के जाम और यातायात अव्यवस्था को सुधारने के लिए तत्काल पहंुच जाते है।
एसपी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस विभाग द्वारा अत्याधुनिक गति सीमा मापक यंत्र डाॅपलर राॅडार के माध्यम से छोटे व बड़े वाहनों की गति सीमा को मापा जा रहा है। इस डाॅपलर राॅडार में आने वाले वाहनों की गति सीमा के रंगीन प्रिंट निकालने की भी व्यवस्था है जिसके कारण वाहन चालक और पुलिस कर्मचारियों के बीच किसी भी प्रकार के विवाद की सम्भावना नही रहती है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त मोबाईल यूनिट के पास एलकोहल स्लैंसर भी उपलब्ध है जो आवागमन के दौरान चालकों के नशे की दशा में होने की स्थिति में नशे की मात्रा को प्रकट करता है।
उन्होंने बताया कि जिला में अब मोटर वाहन नियमों का भी पालन हो रहा है । जहां दो पहिया वाहन चालक अब हेलमेट पहने हुए नजर आ रहे हैं वहीं चैपहिया गाड़ियों में भी सीट बैल्ट पहनने की प्रथा शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि जिला की यातायात व्यवस्था को सुचारू व बेहतर बनाने के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है अगर निर्धारित स्थलों पर ही पार्किंग सुनिश्चित होती है तो न केवल वाहन चालकों अपितु पैदल चलने वालों का जीवन भी सुरक्षित रहेगा।