स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को गुणवत्तायुक्त दवाओं के उत्पादन का श्रेष्ठ हब बनाने के कृतसंकल्प है। विपिन सिंह परमार गत सांय सोलन जिले के नालागढ़ उपमंडल के बद्दी में राज्य दवा नियंत्रक, सहायक दवा नियंत्रकों तथा दवा निरीक्षकों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि हिमाचल का पर्यावरण विभिन्न दवाओं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि दवा निर्माताओं को प्रदेश में बेहतर अधोसंरचना एवं समयबद्ध सीमा में स्वीकृतियां प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि दवा उत्पादन प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण है। नालागढ़-बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र हिमाचल का दवा उत्पादन हब है। इस क्षेत्र को गुणवत्तायुक्त दवा उत्पादन का श्रेष्ठ केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रति वर्ष लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की दवाएं निर्मित की जा रही हैं जो कि देश के कुल दवा उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत है। हिमाचल प्रदेश में उत्पादति की जा रही लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की दवाएं प्रतिवर्ष विदेशों को निर्यात की जा रही है।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि आज देश में बिक रही हर तीसरी दवा हिमाचल प्रदेश में निर्मित है। उन्होंने दवा निर्माताओं से आग्रह किया कि दवा उत्पादन में गुणवत्ता एवं मानकों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण दवाईयों का निर्माण प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है तथा इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि बार-बार फेल होने वाले सैंपल बनाने वाली कंपनियों के लाईसेंस निरस्त किए जाएंगे। इस दिशा में उचित कार्रवाई की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर ऐसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार खिलवाड़ सहन नहीं होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिकीकरण की गति में तीव्रता लाने के लिए वचनबद्ध है तथा एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल किया गया है विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में सहायक दवा नियंत्रकों, दवा निरीक्षकों तथा अन्य रिक्त पड़े विभिन्न पदांे को भरने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र प्रभावी पग उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों के पद चरणबद्ध ढंग से भरे जा रहे हैं। निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन मनोज तोमर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा विभिन्न विभागीय कार्यों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत विशेष औद्योगिक पैकेज के कारण ही प्रदेश में वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हुआ है। विपिन सिंह परमार गत सांय सोलन जिले के नालागढ़ उपमंडल के बद्दी में प्रदेश के दवा निर्माताओं एवं अन्य उद्योगपतियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में स्वीकृत औद्योगिक पैकेज ने हिमाचल में औद्योगिक निवेश को आमंत्रित किया और प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार को सुलभ बनाया। आज प्रदेश में लगभग 46,201 औद्योगिक इकाईयां कार्यरत हैं। इनमें लगभग 26,250 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इन इकाईयों में 3 लाख 73 हजार 98 कुशल एवं अकुशल कामगारों को रोजगार उपलब्ध है। वर्तमान में प्रदेश में हिमाचल में उद्योग जगत में सबसे अधिक निवेश सोलन जिले में ही हुआ है। सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र को उद्योग हब के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि सोलन जिले में वर्तमान में 7,165 औद्योगिक इकाईयां हैं। इनमें लगभग 15,324 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है तथा 01 लाख 50 हजार 146 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 800 उद्योग दवा निर्माण के कार्य में सलंग्न हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण दवाईयों का निर्माण प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है तथा इस कार्य को सभी उद्योगों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश सरकार उद्योग जगत को उचित वातावरण एवं आवश्यक रियायतें एवं सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है किन्तु उद्योग जगत को भी यह सुनिश्चित बनाना होगा कि विभिन्न उत्पादों विशेषकर दवाओं की गुणवत्ता श्रेष्ठ हो। उन्हांेने कहा कि उत्पादन के साथ गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
विपिन सिंह परमार ने इस अवसर पर दवा निर्माण की कठिनाईयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में शिमला में एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रदेश के दवा निर्माताओं की समस्याओं पर सारगर्भित विचार-विमर्श किया जाएगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार एवं रोजगार क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। विपिन सिंह परमार गत सांय सोलन जिले के नालागढ़ में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत सुलह विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संबोधित कर रहे थे।
विपिन परमार ने प्रदेश के सभी मतदाताओं विशेषकर सुलह क्षेत्र के मतदाताओं का भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी राज्य सरकार की प्रेरणा एवं ताकत है तथा सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि आम लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के स्वर्णिम दृष्टि पत्र-2017 को नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है। सरकार ने सत्ता में आने के चार माह के भीतर ही स्वर्णिम दृष्टि पत्र में किए गए अनेक वायदों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल किए गए सभी वायदों को पूरा करेगी अपितु आमजन की विभिन्न अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी।
उन्हांेने कहा कि सुलह निवासियों के अपार स्नेह व भाजपा कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम के कारण ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आर्शीवाद से सुलह विधानसभा क्षेत्र को राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधत्व मिला है। इसका श्रेय सभी सुलह विधानसभा क्षेत्रवासियों को जाता है।विपिन परमार ने इस अवसर पर बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र मंे कार्यरत सुलह निवासियों की विभिन्न समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि इन समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। इस अवसर पर अवस्थी नर्सिंग संस्थान नालागढ़ की छात्राओं ने स्वागत गीत तथा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ विषय पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की।बैठक में दून क्षेत्र के दून क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाहा तथा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के सहायक दवा नियंत्रक तथा दवा निरीक्षक उपस्थित थे।