सिरमौर जिला के कोलर से लेकर भगानी तक पावटा साहिब उपमंडल में करीब तीन लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है। जिला सिरमौर में 2 दशकों के बाद एपीएमसी द्वारा फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के सहयोग से जिला सिरमौर में धान की खरीद की जाएगी।
धान की खरीद इधर ही शुरू हो रही है जो 7 तारीख से होनी थी वह 7 तारीख से ही होगी पर अगर किसी किसान साथी ने धान अभी काट लिए हैं तो वह कल से ही हिमालयन फ्लोर मिल पिपली वाला मैं अग्रवाल सेलर मैं करवा सकता है वह अपना आधार कार्ड जमीन की फर्द साथ लेकर जाएं अपना धान तलवा कर उधर ही रख दें और पर्ची साथ ले आए पैसा जब एफसीआई की खरीद होगी जो कि 7तारीख से शुरू होगी से बात आपके अकाउंट में आएगा
7 अक्टूबर से पांवटा साहिब के तीन केंद्रों में शुरू होगी धान की खरीदजिला सिरमौर में हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक धान की फसल होती है।
जिला सिरमौर में हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक धान की फसल होती है। सिरमौर जिला के कोलर से लेकर भगानी तक पावटा साहिब उपमंडल में करीब तीन लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है। जिला सिरमौर में 2 दशकों के बाद एपीएमसी द्वारा फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के सहयोग से जिला सिरमौर में धान की खरीद की जाएगी। जिला के किसान वर्षों से अपनी धान की फसल को उत्तराखंड तथा हरियाणा में बेचते थे। मगर इस बार एपीएमसी गेहूं खरीद के बाद धान की खरीद भी शुरू करने जा रही है।
बुधवार को पांवटा साहिब मंडी समिति में खाद्य आपूर्ति निगम तथा फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की टीम ने धान खरीद से संबंधित तैयारियों का निरीक्षण किया। एपीएमसी द्वारा पौंटा साहिब उपमंडल में तीन धान खरीद केंद्र बनाए जाने हैं। जिसमें पांवटा साहिब की कृषि उपज मंडी, पीपलीवाला व हरिपुर टोहाना में स्थान चयनित किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के सहयोग से ही यह संभव हो पाया है भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने बताया कि जिला सिरमौर में धान की खरीद 7 अक्टूबर से शुरू की जाएगी। जिसके लिए तीन धान खरीद केंद्र बनाए जा रहे हैं। जिला सिरमौर में काफी वर्षों के बाद एपीएमसी द्वारा धान की खरीद की जाएगी। जिसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही है।
गेहूं खरीद की तरह किसानों को उनकी फसल की कीमत सीधे उनके बैंक खाते में 24 घंटे में उपलब्ध करवाई जाएगी। जिसके लिए किसानों को कृषि विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। जिसमें किसानों को अपनी जमीन व फसल का ब्यौरा देना होगा। कोरोना के चलते 1 दिन में 30 से 40 किसानों को ही फसल बेचने के लिए बुलाया जाएगा। इस बार धान का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार द्वारा 1960 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। उसके अनुसार ही किसानों को धान की फसल का मूल्य दिया जाएगा।