58 राष्ट्रीय उच्च मार्गां की डीपीआर बनाने को केंद्र की मंजूरीः मुख्यमंत्री

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केन्द्र सरकार ने 63 राष्ट्रीय राजमार्गों में से 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार को स्वीकृति प्रदान कर दी है। केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए सैद्धान्तिक तौर पर कुल 69 राष्ट्रीय राजमार्ग मजूंर किए हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह जानकारी आज राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की कार्य प्रक्रिया में तेजी लाई जाए ताकि शीघ्र इनका कार्य आरम्भ किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान राष्ट्रीय उच्च मार्गों का सड़क घनत्व औसत 47.65 किलोमीटर प्रति हजार वर्ग किलोमीटर है जबकि राष्ट्र स्तर पर राष्ट्रीय औसत 38.40 प्रति हजार वर्ग किलोमीटर है। राज्य में 69 नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के बाद प्रदेश में सड़क घनत्व 125.11 प्रति हजार किलोमीटर हो जाएगा। वर्तमान में राज्य में 2653 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं और नए घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के बाद यह बढ़कर 6965 किलोमीटर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों का कार्य पूरा होने से हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड और दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों को सेब और अन्य उत्पादों की ढुलाई के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रोहडू-चिड़गांव-टिक्करी-लरोट-चांशल-डोडरा-क्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से न केवल उत्तराखण्ड में हरिद्वार/चार धाम जैसे धार्मिक स्थानों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्घ होगा बल्कि राज्य में पर्यटन विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन राजमार्ग के निर्माण कार्य में विलंब पर असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सड़क पर अतिरिक्त श्रम शक्ति और मशीनरी को तैनात कर कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए, क्योंकि इस मार्ग पर यातायात का भारी प्रवाह है। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से परमाणु-सोलन फोरलेन के कार्य को पूरा करने के लिए कहा ताकि मार्च, 2019 तक इसे पूरा किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों को वन और अन्य ढांचों को हटाने के बारे में त्वरित स्वीकृतियां सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निष्पादित परियोजनाओं को पूरा करने में आने वाली समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके। उन्होंने कहा कि निष्पादन एजेंसियों को सड़क के ऐसे हिस्सों की पहचान करनी चाहिए जिस पर आसानी से कार्य किया जा सकता है तथा जिन्हें विभिन्न मंजूरियां प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं केन्द्र सरकार से फोरलेन परियोजनाओं व अन्य सम्बन्धित मामालों के शीघ्र कार्यान्वयन का मामला उठाएंगे। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि परियोजनाओं के निर्माण में अनावश्यक देरी व परियोजनाओं के आंबटन और निष्पादन के सम्बन्ध में विभिन्न जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग मनीषा नन्दा ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया और मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग विभिन्न परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए समर्पण से कार्य करेगा।अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी एवं तरूण कपूर, मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग आर.पी.वर्मा, आर.ओ. एन.एच.ए.आई. जी.एस. संघा, परियोजना दिनेशक एन.एच.आई. ले. कर्नल योगेश, विशेष सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीक डी.सी.राणा, मुख्य अभियन्ता राष्ट्रीय राजमार्ग बी.के. शर्मा के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।

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