गांवो की ऊर्जा संरक्षण क्षमता के क्षेत्र में ऊर्जा निदेशालय हिमऊर्जा को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा

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अतिरिक्त मुख्य सचिव (बहुदेशीय परियोजना एंव ऊर्जा) श्री तरूण कपूर द्वारा ऊर्जा निदेशालय के कामकाज की आज यहां समीक्षा बैठक की गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ऊर्जा निदेशालय को निर्देश दिए कि बिजली बेचने व विद्युत उत्पादन के आनलाइन मूल्यांकन हेतु ऊर्जा निदेशालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी पन विद्युत परियोजनाओं के कार्यो की निगरानी, सुरक्षा और गुणवत्ता का अवलोकन किसी एक विभाग के पास ही होना चाहिए।
इसलिए यह सारा कार्य ऊर्जा निदेशालय को सौंपना उचित होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना की निगरानी आनलाइन की जाएगी। इस सन्दर्भ में पहले से चल रहे साफ्टवेयर को अपग्रेड किया जाएगा। पन विद्युत परियोजनाओं के वित्तीय घटकों लाडा फंड, केट प्लान, निःशुल्क बिजली, आरएण्डआर प्लान इत्यादि जो टैरिफ को प्रभावित कर रहे हैं उनके अवलोकन व कम करने हेतू ऊर्जा निदेशालय एक विस्तृत अध्ययन करवाएगा।
श्री कपूर ने कहा कि ऊर्जा निदेशालय के अधिकारियों की तकनीकी क्षमता वृद्धि हेतू एक परियोजना बनाई जाएगी। इस सन्दर्भ में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े वैश्विक स्तर की एंजेसियों से संपर्क करने के उपरान्त समझौता ज्ञापन अमल में लाया जाऐगा। ऊर्जा क्षेत्र से संबधित पेशेवर अधिकारी/कर्मचारियों की तकनीकी क्षमता वृद्धि हेतु हर माह एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा।
ऊर्जा ग्राम परियोजना के अन्तर्गत गांवो की ऊर्जा संरक्षण क्षमता के क्षेत्र में आदर्श गांव बनाने हेतू ऊर्जा निदेशालय हिमऊर्जा को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। पन विद्युत उत्पादन के उत्थान हेतु इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय पोषण के लिए ऊर्जा निदेशालय अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर संभावनाएं तलाशेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निदेशालय पन विद्युत उत्पादकों व भविष्य में आने वाले उत्पादकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु लगातार बैठकें आयोजित करेगा।
बैठक में निदेशक ऊर्जा डा. अजय शर्मा, मुख्य अभियंन्ता पी.के.एस.रोहिला तथा ऊर्जा निदेशालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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