सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश में हुए 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस सिलसिले में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के 22 अलग-अलग शहरों में छापेमारी भी की गई है |
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति देती थी, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने निजी शिक्षक संस्थानों के साथ मिलकर 2013 से 2017 के बीच चार साल में 2.38 लाख छात्रों में से 19, 915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी और 360 छात्रों की छात्रवृत्ति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई.
सूत्रों के मुताबिक 5729 छात्रों को छात्रवृत्ति देने में आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है. इस तरह से छात्रवृत्ति आवंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा. शुरुआत में हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग ने स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करके हिमाचल के ऊना, कांगड़ा,शिमला,सिरमोर और सोलन, चम्बा डिस्ट्रिक्ट, हरियाणा के करनाल,अम्बाला, पंजाब के मोहाली, नवाशहर, गुरदासपुर के शिक्षण संस्थानों पर सर्च की है. इन निजी शिक्षण संस्थानों में हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति जारी की गई थी. हालांकि इस मामले में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है.