नेक कार्य बना दुनिया के लिए मिसाल।
मौजूदा परिवेश में भाई-भाई, एक-एक इंच जमीन के लिए भी लड़ता है। लेकिन यहां तीन भाईयों ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की इच्छाओं को पंख लगाए। बिलासपुर की पंचगई पंचायत में करोड़ों रुपए की भूमि बुजुर्ग दंपत्ति ने सरस्वती विधा मंदिर को दान कर दी है। बुधवार को बिलासपुर के तहसील कार्यालय में तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
इस भूमि की सर्कल कीमत 26 लाख रुपए के आसपास रही। खुले बाजार में इसकी कीमत अढ़ाई से 3 करोड़ रुपए आंकी जा रही थी। एक लंबे अरसे से प्रापर्टी के दामों में गिरावट है। बावजूद इसके हर कोई जमीन की कीमत खुले बाजार में करोड़ों की आंक रहा है। शहर का जाना-माना चेहरा व उद्योगपति मदन मोहन शर्मा का पंचगई पैतृक क्षेत्र है। शर्मा ने अपने बुजुर्ग माता-पिता के आग्रह पर यह भूमि शिक्षा विभाग को देने का वायदा किया था, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लिहाजा सरस्वती विधा मंदिर को दान कर दी है। कोल डैम, जेपी सीमेंट जैसे नामी संस्थानों के नजदीक होने के कारण ही भूमि की कीमत आसमान छूती है।
अब परिवार को बताया गया है कि इस भूमि पर कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। सनद रहे कि परिवार करीब 45 साल से पांवटा साहिब में ही सैटल है। परिवार के इस कदम की चारों तरफ जमकर प्रशंसा हो रही है। । अब बुजुर्ग दंपत्ति की सोच व्यवहारिक तौर पर सामने आ गई है। 85 वर्ष के नत्था राम शर्मा व 75 साल की बिशना देवी के तीनों बेटे मदन मोहन शर्मा, निर्मल शर्मा व अनिल शर्मा काबिल हैं। बड़े बेटे मदन मोहन शर्मा राजनीति में भी सक्रिय हैं व भाजपा की प्रदेश कार्येकरनी के सदस्य है । वही निर्मल शर्मा भी भाजपा के वरिष्ट नेता है वही अनिल शर्मा होटल रॉकहुड के मालिक है |