केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा तथा मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर की उपस्थिति में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘आयुशमान भारत योजना’ को कार्यान्वित करने के लिए आज यहां पांच राज्यों, एक केन्द्र शासित प्रदेश तथा भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस वृहद व महत्वकांक्षी योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों को पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार उपलब्ध करवाना है।
इस महत्वकांक्षी योजना को लागू करने के लिए देशभर में इस प्रकार की पांच कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। योजना से देशभर के 10 करोड़ परिवार लाभान्वित होगें और हिमाचल प्रदेश के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लगभग 15.31 लाख लोगों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आयुषमान भारत उत्तर क्षेत्र की पहली प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन कार्यशाला के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा आरम्भ की गई आयुषमान भारत एक नव परिवर्तनशील योजना है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य तथा कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश विकास के सभी क्षेत्रों में उन्नति व समृद्धि के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में छः मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इन मेडिकल कॉलेजों के प्रभावी प्रबन्धन के लिए राज्य में मेडिकल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए एम्स स्वीकृत किया गया है जो बिलासपुर के कोठीपुरा में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एम्स को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1351 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि आयुषमान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इससे देशभर में स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रान्ति आएगी। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि ‘आयुषमान भारत’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत समाज के गरीब वर्गों को पांच लाख रुपये तक का चिकित्सा उपचार निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देशभर के लोगों को उनके घरों के नजदीक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए देशभर में 20 एम्स खोले जा रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देशभर के 1.50 लाख स्वास्थ्य उप केन्द्रों को बीमारियों की शीघ्र पहचान के लिए वैलनेस केन्द्रों में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष की आयु से पहले प्रत्येक व्यक्ति की सार्वभौमिक स्वास्थ्य जॉंच सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि इससे देशभर बीमारियों में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में सभी प्रमुख बीमारियों का उपचार शामिल है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के साथ समझौते से जनसाधारण को स्वास्थ्य छत्र उपलब्ध होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार की राज्य में प्रस्तावित मेडिकल विश्वविद्यालय खोलने के प्रयासों की भी सराहना की। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पी.एस. रावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां एक समान है और दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाना अपने आप में चुनौती है।
उन्होंने कहा कि इससे सभी बड़े अस्पताल ई-अस्पतालों में विकसित किए जा रहे हैं। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने भी इस अवसर पर सम्बोधित किया। उन्होंने अपने राज्य की स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों की भी जानकारी दी । हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि प्रदेश में आयोजित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला हिमाचल प्रदेश में आयोजित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत 4,83,643 परिवारों को पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य राहत कोष गठित किया गया है, जिसके लिए बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव प्रीति सुडान ने कहा कि योजना की भूमिका परामर्शी होगी तथा मुख्य भूमिका राज्य सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने के लिए एक मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना होने के कारण इसे सफल बनाने के लिए ठोस प्रतिबद्धता तथा प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने देश में प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार सुविधाओं को मजबूत करने पर बल दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. इन्दु भूषण ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि इस दिन देश के लोगों को लाभ पहुंचाने के सर्वाधिक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की शुरूआत की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म तथा विशेष कॉल सेंटरस की स्थापना की जा रही है। प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री तथा इस अवसर पर मौजूद अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सांसद वीरेन्द्र कश्यप, विधायक नरेन्द्र बरागटा, मुख्य सचिव विनित चौधरी, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. बलदेव शर्मा, आईजीएमसी के प्राचार्य डॉ. रवि शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।