मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां ‘हॉर्न नॉट ओक’ जागरूकता अभियान तथा ‘शोर नहीं’ मोबाइल एप्प का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अपनी स्वास्थ्यवर्धक जलवायु तथा शान्तिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। इस प्रकार यह महत्वपूर्ण है कि हम में से प्रत्येक राज्य के प्राचीन वैभव व वातावरण को बनाए रखने में योगदान करे। उन्होंने कहा कि हॉर्न बजाने से न केवल अनावश्यक ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में यह अभियान राज्य के दो शहरों शिमला तथा मनाली में शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दोनो ही शहर सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण है और वाहन चालकों को इन शहरों में हॉर्न का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित करना एक सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से ‘हॉर्न नॉट ओके’ अभियान की जागरूकता फैलाने का आग्रह किया ताकि चालकों को हॉर्न बजाने से रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने पुलिस कर्मियों तथा चालकों से इस अभियान को सफल बनाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाइल एप्प ‘शोर नहीं’ प्रदेश को ध्वनि प्रदूषण मुक्त करने का एक बेहतरीन प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह एप्प आम जनमानस की सुविधा के लिए तैयार की गई है ताकि वे ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारियों को इसके बारे में सूचित कर सके। उन्होंने कहा कि यह पहल पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एनआइसी हिमाचल के सहयोग से की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एप्प को दो प्रकार के उपयोगकर्ता-आम जनमानस तथा अधिकारियों के लिए तैयार किया गया है, जो ओटीपी का इस्तेमाल करके इसका उपयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी शिकायतें एप्प के माध्यम से सम्बन्धित उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उप-मण्डलाधिकारी तथा उप मण्डल पुलिस अधिकारी को तुरन्त भेजी जाएंगी, जो की गई कार्रवाई की जानकारी एप्प के माध्यम से ही देंगे। यह एप्प अधिकारियों को घटना स्थल की जानकारी जीपीएस के माध्यम से उपलब्ध करवाएगी जिससे गुगल मैप के माध्यम से आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने उप-पुलिस अधीक्षक यातायात पीडी ठाकुर, अध्यक्ष सचिवालय चालक संघ शान्ति स्वरूप, अध्यक्ष विभागीय चालक संघ बुद्धि सिंह, अध्यक्ष एचआरटीसी चालक संघ सत्यदेव तथा अन्य उपस्थित लोगों को इस एप्प के विषय में सूचना किट वितरित की। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तरूण कपूर ने इस अवसर पर विचार प्रस्तुत किए।निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डीसी राणा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य उपस्थित लोगों का स्वागत किया तथा ध्वनि प्रदूषण के दूष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग मनीषा नन्नदा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय निशा सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।